जुबिली न्यूज डेस्क
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में सब ठीक नहीं चल रहा है। जिस तरह से आकाश यादव को लेकर पार्टी में जंग छिड़ा है उससे तो यही लग रहा है।
आकाश यादव को लेकर आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और तेज प्रताप आमने-सामने आ गए हैं।
बुधवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तेजप्रताप यादव के करीबी और छात्र इकाई के अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटा दिया तो तेज प्रताप नाराज हो गए। तेज ने इसे पार्टी के संविधान के खिलाफ बताया था।
तेज के बयान अब जगदानंद सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने पूछा है कि तेजप्रताप कौन हैं। मैं किसी दूसरे को नहीं जानता हूं। उनके इस बयान से बिहार में सियासत गर्माने की आशंका है।
हू इज तेजप्रताप
जगदानंद सिंह ने गुरुवार को तेज प्रताप पर पलटवार करते हुए कहा कि हू इज तेजप्रताप…..? मैं किसी दूसरे को नहीं जानता हूं। मैं राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को जानता हूं। लालू यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके सिवाय कोई मुझसे स्पष्टीकरण नहीं पूछ सकता। तेजप्रताप के मामले पर जगदानंद ने कहा कि छात्र राजद का अध्यक्ष बनाने की जिम्मेवारी हमारी है।
यह भी पढ़ें : यूपी में 39 जातियों को आरक्षण सूची में शामिल करने की तैयारी
यह भी पढ़ें : हरियाणा के पूर्व सीएम ने 87 की उम्र में दिया 10वीं का एग्जाम
यह भी पढ़ें : तालिबान ने दिखाया असल चेहरा, भारत के साथ आयात-निर्यात पर लगाई रोक
आकाश यादव को हटाना तेज को नहीं आया रास
अपने करीबी आकाश यादव को राजद की छात्र इकाई से हटाए जाने पर हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से नाराज हो गए थे।
तेज प्रताप ने प्रदेश अध्यक्ष के फैसले को आरजेडी के संविधान के खिलाफ बताया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलती है और आरजेडी का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते। आज जो हुआ वो आरजेडी के संविधान के खिलाफ हुआ।’
तेज ने जगदानंद को बताया था हिटलर
इससे पहले 8 अगस्त को तेजप्रताप ने पार्टी के युवा प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित किया था। प्रदेश अध्यक्ष की अध्यक्षता में बुलाई गई बैठक में उन्होंने जगदानंद को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
तेजप्रताप ने प्रदेश अध्यक्ष को हिटलर बताया था। इस बैठक के बाद से ही जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय नहीं आ रहे थे। यहां तक की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी वे नदारद रहे और उनकी जगह तेजस्वी यादव ने पार्टी कार्यालय में झंडा फहराया था।
यह भी पढ़ें : 2027 तक भारत को मिल सकती है पहली महिला न्यायाधीश
यह भी पढ़ें : बड़ी खबर : अब महिलाएं भी दे सकेंगी NDA की परीक्षा
यह भी पढ़ें : तालिबान की वापसी से काबुल में अचानक 10 गुना बढ़ी बुर्के की कीमत
10 दिन बाद माने जगदानंद सिंह
पार्टी के सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव ने जगदानंद सिंह को मनाने की काफी कोशिशे कीं, तब जाकर वह माने।
जगदानंद सिंह 10 बाद कार्यालय आए और पार्टी नेताओं के साथ अनौपचारिक बैठक की। बाद में झारखंड से आए नेताओं की तेजस्वी के साथ हुई बैठक में भी जगदानंद शामिल हुए।
बुधवार को ही उन्होंने राजद छात्र इकाई की कमान आकाश यादव से लेकर गगन कुमार को सौंप दी। इसके जरिए उन्होंने संदेश दिया कि अगर पार्टी को चलाना है तो सब को उनकी सुननी पड़ेगी।