जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। फतेहाबाद सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) ने रूपाली दीक्षित को चुनावी मैदान में उतारा है। अपनी उम्मीदवारी को लेकर रूपाली दीक्षित ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में खुलासा किया है कि उन्हें पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से टिकट पाने में महज 3 मिनट का वक्त लगा है।
इस दौरान उन्होंने भरोसा दिलाया है कि जीत उन्ही की होगी। रूपाली ने न्यूज एजेंसी से कहा, मैंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या चाहती हो।
मैंने कहा कि बीजेपी उम्मीदवार छोटेलाल वर्मा के खिलाफ उनके आपत्तिजनक बयान की वजह से चुनाव लडऩा चाहती हूं। मैं आपसे यह भी वादा करती हूं कि मैं यह सीट जीत जाऊंगी। रूपाली ने कहा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से टिकट पाने में उन्हें महज 3 मिनट ही लगे।
इसके बाद सपा ने जिस उम्मीदवार को टिकट देने को सोच रही थी उसको लेकर उनका विचार बदल गया है और सपा ने रूपाली के लिए उस उम्मीदवार को किनारे करने में देर नहीं की।
रूपाली कानून की पढ़ाई कर चुकी है और लॉ में स्नातक हैं और ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज से दो पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री हासिल की है। वहीं सिंबोसिस यूनिवर्सिटी पुणे से ग्रेजुएशन करने के बाद वह विदेश चली गईं और कार्डिफ यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है।
इसके आलावा उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स से मार्केटिंग एंड एडवर्टाइजमेंट में एमए कर रखा है और दुबई में एक एमएनसी में तीन साल की सेवा दी है। रूपाली के पिता अशोक दीक्षित 2007 से एक हत्या केस में जेल में बंद हैं। 2015 में जब उसके चाचा और तीन अन्य रिश्तेदारों को फिरोजाबाद कोर्ट की ओर से स्कूल टीचर सुमन दुबे की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई तो रूपाली नौकरी छोडक़र देश लौट आईं।
अशोक दीक्षित 1996 में सपा के टिकट पर लड़े थे इसके बाद 2022 में बसपा से और 2007 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन तीनों चुनाव में उनको हार का मुंह देखना पड़ा था जबकि 2007 में वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़े थे और उसी साल उनकी गिरफ्तारी हुई थी।