राजेन्द्र कुमार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अफसरों पर बहुत भरोसा करते हैं। उनका मानना है कि अगर हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभाए तो सभी के चेहरे पर मुस्कान लायी जा सकती है। देश और प्रदेश को खुशहाल बनाया जा सकता है। अपनी इसी सोच के तहत मुख्यमंत्री अधिकारियों को खुल कर लोगों की मदद करने का मौका देते हैं।
जिस भी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष ने (एमडी आदि) लोगों की भलाई से जुड़ा कोई प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री के सामने रखा, उसे मुख्यमंत्री ने अपनी मंजूरी दी।
बीते तीन साल तक अफसरों को ऐसी आजादी देने के बाद अब मुख्यमंत्री ने यह जानने का फैसला किया है कि उनकी दी गयी आजादी का लाभ लेकर अफसरों ने जिलों में जनता की भलाई के क्या-क्या कार्य किये हैं?
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पुराने जमाने में राजा खुद भेष बदल कर जनता के बीच जा कर पता लगाते थे कि उनके शासन को लेकर लोगों की धारणा क्या है? आजादी के बाद विधायक और सांसदों के जरिये मुख्यमंत्री अपनी सरकार के कार्यों की लेकर जनता का फीडबैक लेने लगे। मुलायम सिंह यादव और अखिलेश सिंह यादव ने इस व्यवस्था में फेरबदल कर सीनियर अफसरों को चलों गाँव की ओर अभियान के तहत दो रात गांवों में बिताने के लिए भेजा, ताकि ग्रामीणों की समस्याओं को जानकार अधिकारी उनका निदान करें।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में एक सीनियर प्रशासनिक अफसर तैनात करने का निर्णय लिया है। ये अधिकारी सचिव या इसके ऊपर के स्तर के होंगे। इसमें वन सेवा या वाणिज्यकर विभाग के वरिष्ठ अफसरों का सहयोग लिया जा सकता है। ये अधिकारी संबंधित जिलें में जाकर एक सप्ताह तक कैंप करेंगे।
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इस दौरान ये अफसर जिले की व्यवस्था का जमीनी आंकलन करेंगे। पता लगायेंगे कि जिलें के शहर और गांव में सरकार के दावे के अनुसार बिजली मिलती है या नही? सरकारी योजनाओं को लाभ जनता तक पहुचाने में जिले के अधिकारी कितनी रूचि लेते हैं। जिले में पेयजल, सिंचाई, शिक्षा और चिकित्सा इंतजामों की क्या स्थिति है? सड़क आदि को लेकर जनता का क्या मत है? जिले में उद्योग धंधे संकट का सामना कर रहें हैं या उनकी हालत ठीक है?
ऐसे कई अन्य सवालों को लेकर यह अफसर जनता से मिलेंगे और फिर लौट कर मुख्य मंत्री सचिवालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री अपने इन खबरी अफसरों की रिपोर्ट पर फैसलें लेंगे। यह फैसले अफसरों को हटाने से लेकर जिले में लंबे समय से चली आ रही समस्या के निदान संबंधी योजना शुरू करने का भी हो सकता है। फिलहाल यह सीएम के यह नये खबरी अफसर किस विभाग के और कौन-कौन होंगे? इसकी सूची बनाई जा रही है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)