जुबिली स्पेशल डेस्क
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सभी 288 सीटों पर मतदान कल संपन्न हो गया है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस अपनी जीत का दावा कर रहे है लेकिन अब देखना होगा कि जनता किसको चुनती है। 4136 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला कल जनता कर चुकी है और इवीएम में कैद हो चुकी है।
एग्जिट पोल के नतीजे तो पता चल रहा है कि वहां पर एक बार फिर महायुति की सरकर बनने की संभावना। दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी कड़ी टक्कर दी है लेकिन एक्जिट पोल में बहुमत के करीब पहुंचने में नाकाम नजर आ रही है। शनिवार को फाइनल नतीजा आ जायेगा और तब पता चल जायेगा किसकी सरकार बन रही है।
वहीं अगर वोटिंग ट्रेंड की बात करें तो इस बार सीटों पर मतदान 65.11 फीसदी रहा जबकि 2019 विधानसभा चुनाव में 61.4 फीसदी वोटिंग हुई थी।
इससे पता चल रहा है कि इस बार करीब चार फिसदी मतदान बढ़ा है। इस वजह से नतीजों पर इसका असर देखने को मिल सकता है।
बड़ा सवाल है कि महाराष्ट्र में पिछले चुनाव से चार फीसदी बढ़ी वोटिंग क्या महायुति का खेल बिगाड़ेगी या फिर महा विकास अघाड़ी की सत्ता में वापसी की उम्मीदवारों पर पानी फेर देगा? महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए देर रात आए आंकड़ों के मुताबिक 65.11 फीसदी मतदान हुआ। वही सबसे ज्यादा वोटिंग कोल्हापुर में 76.25 फीसदी रही तो सबसे कम मतदान मुंबई सिटी में 52.07 फीसदी रही।
वहीं महाराष्ट्र के सियासी इतिहास में अब तक 65 फीसदी से ज्यादा सिर्फ दो बार मतदान हुआ है। 1995 के विधानसभा चुनाव में 71.69 फीसदी रही और 2024 में 65.11 फीसदी वोटिंग हुई। अब देखना होगा कि इस बार चार फीसदी मतदान बढऩे से किस पार्र्टीका फैयदा होता है।
इस तरह के आंकड़े मौजूदा सरकार के लिए आंकड़े खतरे की घंटी हो सकते है क्योंकि महाराष्ट्र में 2014 में भी चार फीसदी वोटिंग बढऩे से सरकार बदल गई है। इसके अलावा हरियाणा में कांग्रेस सरकार बना रही थी लेकिन वोटिंग पिछले चुनाव के लगभग बराबर रही और बीजेपी फिर से सत्ता में लौटी।