जुबिली न्यूज डेस्क
शराब पीने वाले लोग अक्सर इसके फायदे गिनाते रहते हैं. उन्हें लगता है कि शराब पीने से शरीर को कुछ फायदे होते हैं, लेकिन यह पूरी तरह गलत है. शराब का सेवन करना हमेशा नुकसानदायक होता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक बूंद शराब पीना भी आपके लिए जानलेवा हो सकता है.
दुनिया में हर साल कैंसर के 7.40 लाख से ज्यादा मामले अल्कोहल से जुड़े हुए होते हैं. अल्कोहल फिजिकल हेल्थ ही नहीं बल्कि मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह प्रभावित करता है. हर किसी को इसका सेवन बेहद कम या बिल्कुल नहीं करना चाहिए. इस बारे में कुछ बड़ी बातें जान लेते हैं.
WHO ने शराब को लेकर दी चेतावनी
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक शराब से होने वाले नुकसानों का कई सालों तक आंकलन के बाद यह निष्कर्ष निकला है कि शराब की कम से कम मात्रा भी सेहत के लिए खतरनाक होती है. शराब की पहली बूंद से ही कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
ऐसे में लोगों को बिल्कुल शराब नहीं पीनी चाहिए. शराब में मिलाया जाने वाला अल्कोहल एक जहरीला पदार्थ होता है, जो लोगों को गहरा नुकसान पहुंचाता है. जो कैंसर का सबसे ज्यादा खतरे वाला ग्रुप है. इस खतरनाक ग्रुप में एस्बेस्टस, रेडिएशन और तंबाकू को भी शामिल किया गया है. आसान भाषा में कहें, तो शराब के अलावा तंबाकू और रेडिएशन से कई तरह के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
7 तरह के कैंसर का बढ़ता है खतरा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार अल्कोहल कम से कम सात तरह के कैंसर का कारण बनता है, जिनमें आंत्र कैंसर और महिला स्तन कैंसर सबसे ज्यादा कॉमन हैं. इथेनॉल शरीर में जाकर बायोलॉजिकल मैकेनिज्म के जरिए कैंसर का कारण बनता है. इथेनॉल यौगिक शरीर में टूट जाता है और जहरीला साबित होता है.
शराब युक्त कोई भी पेय पदार्थ कैंसर के विकास का खतरा पैदा करता है, चाहें उसकी क्वालिटी कितनी भी अच्छी या खराब हो. शराब का सेवन करने से कैंसर होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि डब्ल्यूएचओ यूरोपीय क्षेत्र में सभी अल्कोहल-असोसिएटेड कैंसर प्रति सप्ताह 1.5 लीटर से कम वाइन और 3.5 लीटर बीयर से कम बीयर पीने से भी हो जाते हैं. यह शराब पीने का पैटर्न महिलाओं में अधिकांश अल्कोहल-एसोसिएटेड स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार है.
ये भी पढ़ें-अब नैनीताल में मंडराया जोशीमठ जैसा खतरा, डर के साए में हजारों की आबादी
वैश्विक स्वास्थ्य संगठन की मानें तो अभी तक ऐसी कोई स्टडी सामने नहीं आई है, जो यह साबित कर सके कि हार्ट डिजीज और टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए शराब फायदेमंद हो सकती है या इससे कैंसर का जोखिम कम होता है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह शराब के उपयोग के तथाकथित सुरक्षित स्तर के बारे में बात नहीं कर सकता.
ये भी पढ़ें-इकाना में नजर नहीं आएगा विलियमसन और साउदी