जुबली न्यूज़ डेस्क
कई बड़े एथिकल हैकर्स आरोग्य सेतु ऐप की प्राइवेसी पर सवाल उठा चुके हैं। जिसके चलते केंद्र ने ऐप की गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए इसके सोर्स कोड को सार्वजनिक करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने मंगलवार (26 मई) को आरोग्य सेतु के एंड्राइड वर्जन को ओपन सोर्स बना दिया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोग्य सेतु ऐप के ओपन सोर्स होने का ऐलान किया। इसी के साथ डेवलपर्स अब COVID-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को इंस्पेक्ट और मॉडिफाई कर पाएंगे।
ये नया कदम इस ऐप के अप्रैल में लॉन्च होने के 41 दिन बाद आया है। बता दें कि इस कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप ने 10 करोड़ रजिस्ट्रर्ड यूज़र्स के आंकड़े को पार कर दिया है। निति आयोग ने आरोग्य सेतु के Android वर्ज़न का सोर्स कोड जारी किया है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका इस्तेमाल उसके कुल यूज़र्स के 98 प्रतिशत द्वारा किया जाता है। नीति आयोग ने यह भी कहा है कि वे आरोग्य सेतु ऐप के iOS और KaiOS वर्ज़न के सोर्स कोड को बाद के चरण में खोलेंगे।
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आरोग्य सेतु के एंड्रॉयड वर्ज़न का सोर्स कोड 26 मई की मध्यरात्रि से GitHub पर उपलब्ध हो चुका है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने शोधकर्ताओं को ऐप में खामियों को खोजने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक बग बाउंटी कार्यक्रम की घोषणा भी की है।
फिलहाल आरोग्य सेतु ऐप में सभी समर्थित प्लेटफार्मों पर 11.50 करोड़ रजिस्टर्ड यूज़र्स हैं।
सरकार ने ऐप में बग को खोजने के लिए बग बाउंटी प्रोग्राम भी लॉन्च किया है जिसके तहत आरोग्य सेतु ऐप में कोई बग खोजने पर एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। सरकार ने सभी डेवलपर्स का स्वागत करते हुए कहा कि ऐप को लेकर यदि उनके मन में कोई सवाल है, कोई कमी है या फिर कोई सुझाव है तो उसका स्वागत है।
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