जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस लगातार विवादों में है। राज्यों के चुनाव में मिल रही हार से कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ रही है।
बिहार चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। महागठबंधन में शामिल कांग्रेस बिहार चुनाव में 70 सीट पर चुनावी दंगल में उतरी थी लेकिन उसे जीत केवल 19 सीटों पर मिली है।
इसका नतीजा यह रहा कि तेजस्वी यादव वहां पर सीएम बनते-बनते रह गए। इसके बाद से कांग्रेस पार्टी में इस हार का गहरा असर देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल एक अखबार से बातचीत में ऐसा कुछ कह दिया है, उनके साथी नेता भी अब उनके खिलाफ नजर आ रहे हैं।
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बिहार चुनाव में हार के बाद कपिल सिब्बल ने कहा था कि जनता कांग्रेस को मजबूत विकल्प के तौर पर नहीं देख रही है। इसके बाद से ही कांग्रेस कुनबे में रार और तेज हो गई।
सिब्बल के इस बयान पर अशोक गहलोत ने कड़ा ऐतराज जताया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा, कपिल सिब्बल को मीडिया के समक्ष हमारे आंतरिक मुद्दे का जिक्र करने की कोई जरूरत नहीं थी, इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
अब अधीर रंजन चौधरी ने भी कपिल सिब्बल पर जमकर निशाना साधा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग कांग्रेस की उपेक्षा कर रहे हैं और शर्मनाक गतिविधियों में लिप्त हो रहे हैं, वह दूसरी पार्टी जॉइन कर सकते हैं या फिर अपनी पार्टी बना सकते हैं।
उन्होंने कपिल सिब्बल का नाम लिए बगैर कहा कि ऐसे नेता जो गांधी परिवार के करीबी हैं, मुद्दों को उनके (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) सामने रखने के लिए स्वतंत्र रहे हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर कोई नेता सोचता है कि कांग्रेस उसके लिए सही पार्टी नहीं है तो वो नई पार्टी बना सकता है या कोई और पार्टी जॉइन कर सकता है, जिसके बारे में वो सोचता हो कि ये उसके लिए सही दल है, लेकिन उनको इस तरह की शर्मनाक गतिविधियों में लिप्त नहीं होना चाहिए, जिससे कांग्रेस पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हों।
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उन्होंने कपिल सिब्बल को सलाह देते हुए कहा कि ऐसे वरिष्ठ नेताओं को इस तरह की बयानबाजी में नहीं पडऩा चाहिए. उन्हें गांधी परिवार से निकटता प्राप्त है. वो किसी भी विषय को पार्टी आलाकमान के सामने या फिर पार्टी फोरम में रख सकते हैं।
बता दें कि बिहार में महागठबंधन को 110 सीटें मिली है। महागठबंधन में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। कांग्रेस के इस तरह के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहा है। बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस बिहार में 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन केवल 19 सीट में जीत हासिल कर पायी है।
ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस के इस तरह के प्रदर्शन की वजह से तेजस्वी यादव सीएम बनते-बनते रह गए है। राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस की टॉप लीडरशिप पर बड़ा सवाल उठाया था और कहा था कि गठबंधन के लिए कांग्रेस बाधा की तरह रही।
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चुनाव तो कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़ा, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं की। शिवानंद ने कहा कि चुनाव के वक्त राहुल गांधी पिकनिक मना रहे थे।