Monday - 28 October 2024 - 8:38 AM

सरकार के इस फैसले के बाद आपके सैलरी पर पड़ेगा फर्क

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

लेबर मिनिस्ट्री एक बार फिर से काम करने के घंटों को रिवाइज करने का प्लान बना रहा है। मिनिस्ट्री की ओर से एक प्रिलिमिनरी ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है जिसमें काम करने के घंटों में बदलाव करने के साथ कुछ नई बातें कही गईं हैं।

इस ड्राफ्ट में इस बात का बिल्कुल भी जिक्र नहीं है कि काम के घंटे बढऩे के साथ उनकी सैलरी में इजाफा किया जाएगा या नहीं। बल्कि अवकाश के दिन काम करने वाले कर्मचारियों को ओवरटाइम देने की बात कही गई है।

दरसअल, अगले साल अप्रैल से सराकर कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि (PF) में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके अलावा ओवरटाइम काम करने वाले कर्मचारियों को भी सैलरी दी जाएगी।

यह नियम सभी कर्मचारियों पर लागू होगा। केंद्र सरकार नए कंपनसेशन नियमों का लागू करने का प्लान बना रही है, जिसकी वजह से कंपनियों की बैलेंसशीट में बदलाव देखने को मिलेगा।

आपको बता दें ये नियम पिछले साल संसद से पारित हुए वेज कोड का हिस्‍सा हैं। काम पर अतिरिक्त घंटे लगाने वाले पेशेवर एक बार कोड ऑफ वेज, 2019 लागू होने के बाद ओवरटाइम लेने के भी पात्र होंगे। इस कोड में प्रबंधकीय कर्मचारियों सहित सभी कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा।

कोड में कहा गया है कि ओवरटाइम के लिए मुआवजा कर्मचारियों के नियमित वेतन से कम से कम दोगुना होना चाहिए। बता दें इस समय बाइट कॉलर एंम्प्लाई ओवरटाइम मजदूरी भुगतान के दायरे में नहीं आते हैं।

ये भी पढ़ें:  बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर किसने किया हमला

इन नियमों के बाद कंपनी के ज्यादातर पे स्ट्रक्चर में बदलाव देखने को मिलेगा। कर्मचारी और कंपनी दोनों के पीएफ कॉन्ट्रिब्‍यूशन में इजाफा होगा। पीएफ कॉन्ट्रिब्‍यूशन के बढ़ने से कई एग्‍जीक्‍यूटिव की हाथ में आने वाली सैलरी घट सकती है।

बता दें रिटायरमेंट के बाद ग्रेच्‍युटी की रकम बढ़ जाएगी। ग्रेच्‍युटी का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी के आधार पर होता है। इसके अलावा पीएफ का कॉन्ट्रिब्‍यूशन बढ़ने और ग्रेच्‍युटी के ज्‍यादा भुगतान से कंपनियों की कॉस्‍ट बढ़ सकती है।

भारत के सभी श्रमिकों को मजदूरी पर संहिता में न्यूनतम और समय पर भुगतान के प्रावधान भी हैं। यह मजदूरी और बोनस से संबंधित चार कानूनों से लिंक है इसमें – वेतन का भुगतान अधिनियम, 1936, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948, बोनस अधिनियम का भुगतान, 1965 और समान पारिश्रमिक अधिनियम, 1976।

ये भी पढ़ें: कोरोना से डर गए 78 करोड़ तंबाकू खाने वाले लोग!

नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया है। ओएसच कोड के ड्राफ्ट नियमों में 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिनकर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान है।

मौजूदा नियम में 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है। ड्राफ्ट नियमों में किसी भी कर्मचारी से 5 घंटे से ज्यादा लगातार काम कराने को प्रतिबंधित किया गया है। कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधा घंटे का विश्राम देने के निर्देश भी ड्राफ्ट नियमों में शामिल हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com