जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. हत्या के आरोप में पिछले एक साल से जेल में बंद सूरज कुमार उर्फ़ कौशलेन्द्र ने वह कारनामा कर दिखाया जिसे तमाम सुविधाओं में रहते हुए भी छात्र अंजाम नहीं दे पाते. बिहार की नवादा जेल में अप्रैल 2021 में जेल गए सूरज ने किताबों के साथ अपना साथ नहीं छोड़ा. वह रात दिन पढ़ाई में जुटा रहा और उसने आईआईटी रुड़की के जॉइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स की परीक्षा में आश्चर्यजनक सफलता हासिल करते हुए इंडिया की 54 वीं रैंक भी हासिल कर ली.
जानकारी के अनुसार अप्रैल 2021 में नवादा के मोसमा गाँव में रास्ते को लेकर दो परिवारों में विवाद हुआ था. दोनों परिवारों के बीच हुई मारपीट में संजय यादव को ज्यादा चोटें आईं. इलाज के लिए उन्हें पटना रेफर किया गया था लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. संजय यादव के पिता बासो यादव ने सूरज और उसके पिता अर्जुन यादव समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. 19 अप्रैल 2021 को पुलिस ने सूरज समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. तबसे वह जेल में है.
सूरज ने जेल जाने के बावजूद अपनी पढ़ाई का क्रम नहीं तोड़ा. वह रात दिन पढ़ाई में लगा रहा. उसके अच्छे व्यवहार और पढ़ाई को लेकर उसकी लगन को देखते हुए जेल प्रशासन ने भी उसका भरपूर सहयोग किया.
सूरज के मामले में सबसे काबिल-ए-गौर बात यह है कि पिछले साल भी सूरज ने यह परीक्षा दी थी और तब इंडिया में उसकी 34 वीं रैंक आई थी. वह एडमिशन ले पाता उसके पहले ही उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज हो गया और वह जेल पहुँच गया. जेल जाने की वजह से उसका आईआईटी रुड़की में एडमिशन का सपना टूट गया लेकिन वह लगा रहा और इस साल उसने अपने पुराने कारनामे को फिर से दोहरा दिया. इस बार वह एडमिशन ले पाएगा या नहीं यह फैसला तो अदालत में तय होगा.
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