जुबिली स्पेशल डेस्क
कांग्रेस ने पार्टी के बागी नेता संजय निरुपम को पार्टी से निकाल दिया गया था। दरअसल कांग्रेस पार्टी ने उनको लेकर सख्त एक्शन लिया था और उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
बता दें कि संजय निरुपम ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था और लगातार कांगे्रस पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। ऐसे में कांग्रेस ने उन पर कड़ा एक्शन लिया था और छह साल के लिए निष्कासित करने का बड़ा फैसला लिया है। ऐसे में सवाल उठ रहा था कि वो किस पार्टी का दामन थाम सकते हैं। पता चला है कि अपनी ‘अल्मा मेटर’ शिवसेना में शामिल होने का मन बना चुके हैं।
जिसका नेतृत्व अब एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। बता दे कि अविभाजित शिवसेना पार्टी में पहले शामिल थे। उनका सियासी सफर शिवसेना से ही शुरू हुआ था।
बता दें कि लोकसभा चुनाव बेहद करीब है और कांग्रेस ने पार्टी के बागी नेता संजय निरुपम का बयान कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचाने का काम क रहा था।
इस वजह से कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर उनको पार्टी से बहार कर दिया था। संजय निरुपम कांग्रेस के बड़े चेहरों में शुमार रहे हैं लेकिन उनके अक्सर बयान पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम करता रहा है। साल 2005 में संजय निरुपम, कांग्रेस में शामिल हुए और उन्होंने यहां पर रहकर अच्छा काम किया था।
उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने 2009 के चुनावों में मुंबई उत्तर लोकसभा सीट जीती, जिसमें बीजेपी के दिग्गज नेता राम नाइक को मामूली अंतर से हराया। उन्होंने पिछले 19 सालों के दौरान कांग्रेस में कई पदों पर काम किया। अब उनको कांग्रेस निकाल दिया गया तो उन्होंने फिर से शिवसेना में जाने का मन बनाया है लेकिन अब ये देखना होगा कि उनको इस पार्टी उचित सम्मान मिलता है या नहीं।