न्यूज डेस्क
मुस्लिम समाज में पैठ बनाने के लिए मोदी लगातार कोशिश कर रहे हैं। जहां उनके लिए कई योजनाए लाकर उनका विश्वास हासिल करने में जुटे हुए हैं तो वहीं मुस्लिम और कांग्रेस के बीच दूरी बनाने में भी पीछे नहीं है। इसके लिए वह अतीत के पन्ने भी खोलने से परहेज नहीं कर रहे।
25 जून को लोकसभा में अपने भाषण में ऐसा ही एक वाकये का पीएम मोदी ने जिक्र किया। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के एक नेता ने एक बार कहा था कि मुसलमानों को उभारना उनकी पार्टी (कांग्रेस) का कर्तव्य नहीं है और ‘अगर वे गटर में रहना चाहते हैं तो उन्हें वहीं रहने दिया जाए’। हालांकि यह दावा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस नेता का नाम नहीं बताया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का इशारा किस नेता की तरफ था इसका जिक्र पूर्व में चार बार सांसद और राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ खान ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में किया है। उन्होंने कहा कि ‘सात या आठ साल पहले’ शाह बानो मामले में किए गए एक टीवी इंटरव्यू में इस टिप्पणी का जिक्र हुआ था। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री और राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे पीवी नरसिम्हा राव ने यह टिप्पणी की थी।
पूर्व मंत्री आरिफ खान ने कहा कि शाह बानो मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार द्वारा पलटे जाने को लेकर मैंने इस्तीफा दे दिया था। उस समय के घटनाक्रम को याद करते हुए खान ने कहा, ‘जिस दिन मैंने इस्तीफा दिया, उस दिन मैं घर में नहीं रहा। मैं एक दोस्त के यहां चला गया ताकि कोई मुझसे संपर्क न कर सके, लेकिन अगले दिन जब मैं संसद पहुंचा तो अरुण सिंह मेरा इंतजार कर रहे थे। वे मुझे प्रधानमंत्री के वेटिंग रूम ले गए। उन्होंने मेरी प्रशंसा की और कहा, ‘कोई भी तुम्हें दोष नहीं दे सकता। क्या तुम अपने इस्तीफे के फैसले पर दोबारा सोच सकते हो?’
आरिफ खान ने बातचीत में आगे कहा, ‘उस दिन कई लोग मुझसे मिले। मैंने सभी से एक ही बात कही। अरुण नेहरू, अरुण सिंह और तीन वरिष्ठ मंत्रियों ने मेरे प्रति लगाव दिखाया और मुझे मनाने की कोशिश की। फिर आखिरकार नरसिम्हा राव आए।
उन्होंने मुझसे कहा, ‘आप बहुत युवा हैं, तीव्रबुद्धि वाले अच्छे वक्ता हैं। आपके सामने आपका करियर है। आप इस्तीफा कैसे दे सकते हैं? उसके बाद उन्होंने कहा कि खुद शाह बानो ने भी अपना रुख बदल लिया है।’
इसके बाद आरिफ खान ने राव की मुस्लिमों के लिए ‘गटर’ वाली टिप्पणी का जिक्र किया। ‘मैंने कहा कि मैं शाह बानो के लिए नहीं अपने लिए लड़ रहा हूं। प्रधानमंत्री के कहने पर मैंने संसद में 55 मिनट तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले समर्थन में बोला।
अब नए बिल पर कानून मंत्री ने कहा कि इसका मकसद शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना है। मैंने कहा कि मैं अकबर का बीरबल नहीं हूं। इस पर उन्होंने (नरसिम्हा राव) कहा कि मैं अक्खड़ बन रहा हूं। वे मुझसे काफी विनम्र रहे, लेकिन फिर उन्होंने कहा, ‘समझने की कोशिश करो। हम सामाजिक सुधार करने वाली पार्टी नहीं हैं। अगर मुसलमान गटर में रहना चाहते हैं तो रहने दो। आप क्यों इस्तीफा दे रहे हैं?”
यह बताते हुए आरिफ खान ने कहा कि मंगलवार के अपने भाषण नरेंद्र मोदी ने जो कहा, वह सही था।