जुबिली स्पेशल डेस्क
तमिलनाडु की एमके स्टालिन सरकार ने तीन भाषाओं के विवाद के बीच एक और मामले में फंसती हुई नजर आ रही है। दरअसल उसने अपने बजट में रुपये का चिह्न का प्रयोग न करके तमिल अक्षर का इस्तेमाल किया है।
उनके इस कदम के बाद तमिलनाडु की राजनीति में हडक़ंप मच गया है और एमके स्टालिन सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। बीजेपी इसे राष्ट्रीय सिंबल का अनादर करार दिया है। वहीं डीएमके सरकार इस बदलाव को तमिल भाषा के सम्मान के तौर पेश किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार का रुपये के चिन्ह को हटाने का कदम खतरनाक मानसिकता का संकेत है, जो देश की एकता को कमजोर करता है। उन्होंने आगे कहा कि यह अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा देता है।
तमिलनाडु बीजेपी नेता सीआर केसवन ने एक्स पर लिखा, “डीएमके सरकार ने अगस्त 2024 में केंद्रीय रक्षा मंत्री से हमारे राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक के साथ एम. करुणानिधि का शताब्दी स्मारक सिक्का क्यों स्वीकार किया और मुख्यमंत्री स्टालिन ने व्यक्तिगत रूप से इसे क्यों स्वीकार किया?