जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के आदिवासी इलाके अलीराजपुर जिले के नानपुर गाँव में समरथ दूल्हा बना तो पूरे देश में चर्चा बन गया. उसकी शादी के बारे में जिसने भी सुना वह बिना बुलाये ही यह शादी देखने के लिए दौड़ा चला गया. दरअसल समरथ ने ऐसी शादी की जैसी अब तक किसी ने नहीं की होगी. उसके मंडप में एक साथ तीन दुल्हनें उसके साथ अग्नि के फेरे लेती हुई नज़र आईं.
समरथ ने नान बाई, मेला और सकरी के साथ सात जन्मों का साथ निभाने वाला बंधन एक ही मंडप में बाँधा. समरथ मौर्य की यह तीनों पत्नियां उसका अलग-अलग समय का प्यार हैं. तीन लड़कियों से प्यार किया तो तीनों के साथ शादी भी की.
यह जानकर हैरानी हो सकती है कि समरथ को इन इन तीन अलग-अलग लड़कियों से मोहब्बत करने में 15 साल का वक्त लगा है. तीनों को वह अलग-अलग समय पर अपने साथ भगाकर लाया था. तीनों एक ही घर में रहती हैं और तीनों से उसे छह बच्चे हैं. उसने अपने प्यार को अब रिश्ते का नाम दे दिया है. मज़े की बात यह है कि शादी के कार्ड में उसके सभी छह बच्चो के नाम भी छपे हैं.
छह बच्चो के पिता समरथ ने अपने रिश्ते को मान्यता देने के लिए अपने बच्चो की मौजूदगी में तीनों प्रेमिकाओं के साथ बाकायदा शादी की. इस शादी का निमंत्रण पत्र छपा. मेहमानों को बुलाया गया. दावत दी गई. आदिवासी समाज में लिव इन में रहना बहुत आम बात है इसी वजह से किसी ने समरथ पर भी उंगली नहीं उठाई लेकिन आदिवासी समाज में एक यह नियम भी है कि लिव इन में रहने वालों को किसी मांगलिक कार्य में नहीं बुलाया जाता. इसी वजह से समरथ ने शादी कर अपने रिश्ते को सार्वजनिक तौर पर मान्यता दिलवा दी.