न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन के चलते पिछले 35 दिनों से रेल सेवा बंद है। आवश्यक सामानों की आपूर्ति के लिए ही माल गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। इस बीच रेल मंत्रालय और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की कल यानि बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है।
बैठक में देश में ट्रेनें फिर से शुरू करने को लेकर चर्चा की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन बाद की स्थिति को देखते हुए यह मीटिंग काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही। बैठक में कोरोना के खौफ के बीच रेलवे के अलग- अलग पहलुओं पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
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भारतीय रेल ने 22 मार्च से ही अपनी सारी पैसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी हैं। फिलहाल ट्रेनों को 3 मई यानी लॉकडाउन के अंतिम दिन तक रद्द रखा गया है। हालांकि 14 अप्रैल से रेलवे ने आगे की किसी भी तारीख के लिए टिकटों की बुकिंग पर रोक लगा दी है।
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मौजूदा समय में भारत में हर रोज 1500 के करीब कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 30 हजार के करीब पहुंच चुकी है। ऐसे में सूत्रों की माने तो 3 मई के बाद भी ट्रेनों के जल्द शुरू होने के आसार कम हैं।
कई राज्यों ने प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए ट्रेन स्पेशल ट्रेनें चलाने की मांग भी की है। दूसरी तरफ रेलवे के पास ऐसी भी सलाह आई है कि शुरू में जब भी ट्रेनों को चलाया जाए तो इसमें AC कोच न हो ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके।
साथ ही, जो भी ट्रेनें चलाई जाएं वो रेड जोन में न हो। इसके अलावा ट्रेनों को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच चलाया जाए और दोनों ही जगहों पर मुसाफिरों की पूरी स्क्रीनिंग हो। इससे बीच के स्टेशन पर मॉनिटरिंग का मुश्किल काम नहीं करना होगा।
रेलवे में इस बात की भी चर्चा है कि शुरू में सीमित संख्या में मुसाफिरों को सफर करने की अनुमति दी जाए। माना जा रहा है कि इन तमाम पहलुओं पर बुधवार की मीटिंग में चर्चा की जाएगी और इस तरह के ट्रेन ऑपेरशन में आने वाली परेशानियों की संभावना पर भी विचार किया जाएगा। हालांकि ट्रेनों को कब तक बंद रखा जाए इस पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को करना है।
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