जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. जिसको अल्लाह रखे, उसे कौन चखे वाली कहावत केरल के एर्नाकुलम में एक अस्पताल में चरितार्थ हो गई. दरअसल इस अस्पताल में एक फोटोग्राफर अस्पताल के बाहर रखी जाने वाली उन लाशों की तस्वीरें लेता है जो पुलिस कार्रवाई के लिए रखी जाती हैं. रोजाना की तरह फोटोग्राफर लाशों की तस्वीरें ले रहा था, उसी समय उसे एक लाश के पास कुछ आवाज़ सुनाई दी. आवाज़ सुनने के बाद उसने लाश के मुंह के करीब जाकर गौर से उसे देखा तो उसे पता चला कि वह लाश नहीं बल्कि जिंदा इंसान था. फोटोग्राफर ने तत्काल पुलिस को सूचना दी. उस शख्स को आईसीयू में भर्ती करा दिया गया है. जहां उसका इलाज चल रहा है.
जानकारी के अनुसार टोमी थॉमस नाम के फोटोग्राफर की सक्रियता की वजह से सिवादासन नाम के शख्स की जान बच गई. सिवादासन की हालत गंभीर थी. अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे मरा समझकर पुलिस कार्रवाई के लिए लाशों को रखने वाली जगह पर उसे लिटा दिया. थॉमस लाशों की तस्वीर लेने आया तो लाशों के बीच ज़िंदा इंसान को उसने पहचान लिया.
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पता चला है कि सिवादासन अपने घर में अकेला रहता है. अपने घर में वह गंभीर रूप से बीमार हो गया. कोई उससे मिलने आया तो उसे उनमें कोई हरकत नहीं दिखी. उसे लगा कि सिवादासन की मौत हो गई है. उसने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने भी लाश समझकर उसे अस्पताल के बाहर उसे वहां पर पहुंचवा दिया जहाँ थॉमस लाशों की तस्वीरें लेता है. थॉमस तस्वीर लेने आया तो सिवादासन की जान बच गई.