जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध मौत के पचास दिन गुज़र जाने के बाद भी सीबीआई के हाथ खाली हैं. सीबीआई ने पूरे मठ को खंगाल डाला है. नरेन्द्र गिरी के हर करीबी से बात कर ली है. मुख्य आरोपित महंत आनंद गिरी का हरिद्वार आश्रम भी छान मारा है मगर उसके हाथ फिलहाल कुछ भी नहीं लगा है. मुख्य आरोपित महंत आनंद गिरी ने अपनी ज़मानत के लिए अदालत में अर्जी भी दाखिल कर दी है.
महंत नरेन्द्र गिरी की लाश उनके मठ में 20 सितम्बर को पंखे से लटकी हुई मिली थी. महंत के सुसाइड नोट और एक वीडियो क्लिप में महंत आनंद गिरी, हनुमान मन्दिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उनके बेटे संदीप का नाम सामने आने के बाद इन तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. तब से तीनों नैनी जेल में बंद हैं.
महंत नरेन्द्र गिरी के शिष्य महंत आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप से पुलिस और सीबीआई तीनों ने कई दौर की पूछताछ की है लेकिन नरेन्द्र गिरी की मौत पर छाया संदेह का कोहरा अभी भी छंटा नहीं है. महंत आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप की न्यायिक हिरासत की समयावधि 30 अक्टूबर को पूरी हो रही है. सीबीआई ने तीनों की रिमांड बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है ताकि आगे और पूछताछ की जा सके और महंत आनंद गिरी ने अपनी ज़मानत के लिए प्रार्थना पत्र दिया है. सीबीआई और आनंद गिरी दोनों के प्रार्थना पत्रों पर कोर्ट सुनवाई करने जा रही है. अदालत तीनों आरोपितों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये बात करेगी.
सीबीआई ने कोर्ट से तीनों आरोपितों का पालीग्राफी टेस्ट कराने की इजाज़त माँगी थी. सीजेएम कोर्ट ने सीबीआई की इस अर्जी को खारिज कर दिया है.
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