जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. अयोध्या के अवधराज तिवारी के तीन बेटियां हैं. दो की शादी हो चुकी है और सबसे छोटी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है. साल भर से अवधराज कैंसर से जूझ रहे थे. सबसे छोटी बेटी रोली पढ़ाई भी करती और अपने पिता की सेवा भी करती. शनिवार को छोटी बेटी परीक्षा देने चली गई और इधर अवध राज तिवारी ने दम तोड़ दिया.
परीक्षा देकर रोली घर लौटी तो पिता का शरीर शांत हो चुका था. वह खूब रोई फिर बहनों को खबर की, रिश्तेदारों को बताया. आसपास के लोगों बताने गई. कुछ ही देर में जनसैलाब उमड़ पड़ा. बड़ी संख्या में उमड़े लोगों ने इंतजाम शुरू किया. टिकटी सजाई गई. अंतिम यात्रा शुरू हुई तो तीनों बेटियों ने न सिर्फ अपने पिता को कंधा दिया बल्कि श्मशान में सबसे छोटी बेटी ने पिता को मुखाग्नि भी दी.
अवधराज की बेटियों ने साबित किया कि बेटा न हो तो बेटियां भी बेटा बन जाती हैं. बेटियों ने अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए जो जतन किये उसने तमाम लोगों की आँखों को भिगो दिया.