स्पेशल डेस्क
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को दोपहर करीब 12 बजे एम्स में अंतिम सांस ली। वे 67 साल के थे। उनके निधन से बीजेपी को गहरी क्षति हुई है। गृह मंत्री अमित शाह ने उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को अपनी बीमारी की गंभीरता का अंदाजा उन्हें पहले ही हो चुका था। इस वजह से मोदी की दूसरी पारी के दौरान उन्होंने मंत्रीमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था।
अरुण जेटली राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते थे। उन्होंने समय के हिसाब से अपने आप को अपडेट रखा। पहले वह अटल सरकार में खास माने जाते थे तो इसके बाद मोदी के वो खासखास हो गए। अरुण जेटली जितनी राजनीति की पिच पर सफल खिलाड़ी थे तो दूसरी ओर उन्होंने खेलों की दुनिया में भी अपना अलग मुकाम बनाया। दिल्ली क्रिकेट में अरुण जेटली का खास दखल हुआ करता था। उन्होंने दिल्ली क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी हालांकि इस दौरान कई विवाद भी सामने आये।
डीडीसीए के अध्यक्ष पद पर रहते हुए लगे थे ये आरोप
अरुण जेटली 1999 से 2012 तक डीडीसीए के अध्यक्ष पद पर रहे। इतना ही नहीं कीर्ती आजाद से लेकर केजरीवाल जैसे बड़े लोगों ने अरुण जेटली को अपने निशाने पर ले लिया था। विवाद इतना बड़ा था जेटली के लिए गले की फांस तक बन गया था। आलम तो यह था कि केजरीवाल और अरुण जेटली एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए थे। मामला इतना ज्यादा तूल पकड़ा की कोर्ट तक जा पहुंचा।
इतना ही नहीं पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और कीर्ति आजाद ने अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई गम्भीर आरोप लगाये। डीडीसीए में कथित तौर पर वित्तीय अनियमितता का मामला मीडिया में भी प्रकाश में आने लगा था। ये वो दौर था जब अरुण जेटली ही डीडीसीए के अध्यक्ष थे। जेटली ने सभी आरोपों को नकार दिया था।
इसके आलावा वह क्रिकेटरों की मदद भी करते थे। उन्होंने वीरेंद्र सहवाग की शादी के लिए अपना सरकारी आवास दे दिया था। वीरू-आरती की शादी नई दिल्ली स्थित जेटली के बंगले में हुई थी।