जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जनवरी में हिंडनबर्ग पेपर रिलीज़ हुआ था जिसकी वजह से देश के सबसे अमीर और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अडानी का शेयर तेज़ी से गिरा उन्होंने कहा कि अडानी के खाते में 20 हजार करोड़ रूपये कैसे आये इन सवालों के जवाब न तो भारतीय जनता पार्टी के नेता दे रहें हैं और न ही प्रधानमंत्री जी कुछ बोल रहें हैं बल्कि कहा यह जा रहा है कि अडानी पर हमला भारत पर हमला है। और इस मुद्दे का लगातर दूसरी दिशा में जाने की कोशिश भाजपा द्वारा की जा रही है?
उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि दुनिया में तानाशाहों की लम्बी सूची है चाहे हिटलर हो, मुसोलिनी हो, सद्दाम हुसैन हो, गद्दाफी से लेकर किंग जोंग तक इन लोगों के काम करने के ढंग से हम सभी परिचित है। तानाशाह दो प्रकार के होते हैं एक तो इस बात से डरता है कि लोग उससे डरना कहीं बंद न कर दे दूसर वह अपनी विरोधियों के मुंह बंद कराकर कुचल देना चाहते हैं और यही नहीं वह विरोधियों को रास्ते से हटाने के लिए किसी स्तर तक जा सकते है इस घटना से हम सब वाकिफ हैं।
यूपी कांग्रेस के मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में बघेल ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा इसी प्रकार लोकतंत्र की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है और संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। अपने विरोधियों का दमन करने के लिए किसी स्तर पर जा रहें हैं यह हमने देखा। उन्होंने कहा कि बी एस मुंजे जो आरएसएस के मुसोलिनी से सीखने गये थे कि तानाशाही को किस प्रकार से लागू किया जा सकता है। और आज जो हम अमृत महोत्सव प्रजातंत्र का अमृतकाल मना रहे हैं और ऐसे में लोकतंत्र के गला घोटने की कार्यवाही और विपक्ष के द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब न देते हुए उसे अयोग्य घोषित करना, उसे दबाना, डराना धमकाना यह सब हो रहा है यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हमारा देश प्रजातांत्रिक देश है और इसकी आजादी के लिए और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने बड़ी कुर्बानिया दी हैं, लम्बी लड़ाई लड़ी हैं। अगर लोकतंत्र पर आंच आयेगी तो हम खामोश बैठने वाले नहीं हैं। पूरे देश में इसका विरोध हो रहा है विपक्षी दलों के लोग भी इस घटना का विरोध कर रहें हैं। मेरा तो सीधा कहना है कि इधर- उधर की न बात कर यह बता कि काफिला लुटा कहां। उन्होंने कहा कि जब अडानी पर सवाल पूछा जाता है तो भाजपा को तकलीफ क्यों होती हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व राहुल गांधी जी ने प्रेस के माध्यम से सवाले पूंछे थे और आज वही सवाल लेकर मैं लखनऊ आया हूं और उन्हीं सवालों का जवाब हमें लेना है कि वह 20 हजार करोड़ किसका है। यह शेल कंपनियां किसकी थी? और जब कंपनियों के शेयर लगातार गिर रहे थे और जब 60 प्रतिशत तक गिर गया तब हमारे एसबीआई और एलआईसी के पैसे किसके आदेश पर अडानी की कंपनियों पर लगाया जा रहा था। यह बड़े सवाल हैं जिनका जवाब हम आपके माध्यम से भाजपा सरकार से लेना चाहते हैं।