न्यूज़ डेस्क।
जम्मू-कश्मीर में संभावित खतरे और आतंकी हमले को देखते हुए राज्य सरकार ने ए़़डवाइजरी जारी कर अमरनाथ यात्रा पर फिलहाल रोक लगा दी है और यात्रियों को वापस जाने को कहा गया है। सरकार ने यात्रियों से गुजारिश की है कि यात्री जल्द से जल्द अपने घर वापस चले जाए। इसके बाद यात्रा को 4 अगस्त तक सस्पेंड कर दिया गया।
J&K govt issues security advisory in the interest of #AmarnathYatra pilgrims and tourists, “that they may curtail their stay in the Valley immediately and take necessary measures to return as soon as possible”, keeping in view the latest intelligence inputs of terror threats. pic.twitter.com/CzCk6FnMQ6
— ANI (@ANI) August 2, 2019
दरअसल, अमरनाथ यात्रा के रूट पर सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को एक एम-24 अमेरिकी स्नाइपर राइफल बरामद हुई है, जिसके बाद ये फैसला लिया गया है।
वहीं भारत सरकार ने घाटी के मौजूदा हालातों को देखते हुए भारतीय सेना व वायु सेना को हाई अलर्ट पर रहने को कहा है। साथ ही 28 हजार अतिरिक्त जवान घाटी में तैनात किये जा रहे हैं। भारी संख्या में जवानों की तैनाती को देखते हुए वायु सेना ने अपने सी-17 विमान को घाटी में तैनात करने की बात कही है। जम्मू-कश्मीर में इतनी बड़ी संख्या में जवानों की तैनाती के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में 10 हजार सुरक्षाबलों की तैनाती के हफ्ते भर के अंदर ही केंद्र सरकार द्वारा 28 हजार और जवानों को जम्मू-कश्मीर भेजा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जवान गुरुवार सुबह से घाटी में पहुंचने लगे हैं। राज्य के अलग-अलग इलाकों में उन्हें तैनाती दी जा रही है।
अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती पर गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के आधार पर की गई है। साथ ही कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती और वापसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की जा सकती।
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