न्यूज डेस्क
देश में यौन उत्पीड़न की समस्या घटने के बजाए बढ़ती जा रही है। जिस तरह से इस मुद्दे पर बात और बहस होनी चाहिए, उस तरह से हो नहीं रहा है। इसी का नतीजा है कि पुरुष जान नहीं पाते कि वह कर क्या रहे हैं।
ऐसा ही कुछ अनुभव महिला आईएएस वर्षा जोशी ने साझा किया है। यौन उत्पीड़न को लेकर किए गए ट्वीट के जवाब में महिला आईएएस ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह खुद अपने चैंबर में पुरुषों द्वारा किए गए इस तरह के व्यवहार का सामना करती हैं।
दिल्ली में तैनात आईएएस वर्षा ने लिखा कि सामान्य तौर पर पुरुष यह भी नहीं जानते हैं कि जो वह कर रहे हैं, वह किसी महिला की निजता का उल्लंघन है।
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दरअसल, एक ट्वीट किया गया था जिसमें कहा गया था कि गलियों में महिलाओं का किसी भी वक्त निकालना मुश्किल है। इस ट्वीट में यह भी कहा गया था कि इन गलियों में लोग हमेशा हुक्का पीते रहते हैं, ताश खेलते रहते हैं और वहां से आने जाने वाली महिलाओं को घूरते रहते हैं, यह मुद्दा पहले भी उठाया जा चुका है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह ट्वीट उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कमिश्नर वर्षा जोशी को टैग करते हुए लिखा गया था।
While this could indeed be a matter for the police, its a challenge women face 24/7 across North India. I face it in my own office chamber- misbehaviour, entitled behaviour, and violation of my space by men who simply do not understand what they are doing. What are the solutions? https://t.co/levsfQ1INB
— Varsha Joshi (@suraiya95) September 25, 2019
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इस ट्वीट के जवाब में वर्षा जोशी ने लिखा कि उन्होंने ऐसे व्यवहार अपने चैंबर में ही झेला है, उत्तर भारत में यह चुनौती महिला के लिए हमेशा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि मैं अपने चैंबर में भी ऐसा खराब व्यवहार व्यवहार देखती हूं।
कार्रवाई के मसले पर उन्होंने कहा कि यह पुलिस से जुड़ा हुआ मसला हुआ है। वर्षा जोशी 1995 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह 20 सालों से अफसर हैं और संयुक्त राष्ट्र के साथ भी काम कर चुकी हैं।
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