नयी दिल्ली। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास को आखिर किन मुद्दों पर प्राइवेट और सरकारी बैंको के उच्च अधिकारियो से चर्चा करने की नौबत आयी। या गवर्नर चाहते है की देश के लोगो को बैंको की तरफ से ज्यादा लाभ मिले। हालांकि स्तिथि अभी पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं है लेकिन जानकारों की माने तो ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
Addressing the Central Board of Directors of the Reserve Bank of India, February 18, 2019. pic.twitter.com/jjNJK5YUE3
— Arun Jaitley (@arunjaitley) February 18, 2019
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास 21 फरवरी को प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे। बैठक के बाद आम लोगों को ब्याज दरों में कटौती का लाभ मिल सकता है। दरअसल, बीते दिनों रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो रेट कटौती का फैसला किया था। इस फैसले के बाद उम्मीद की जा रही थी कि देश के प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर के बैंक ब्याज दर कम कर ग्राहकों को लाभ दे सकते हैं। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के केंद्रीय बैंक के निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद दास ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति निर्णय का लाभ कर्जदाताओं को देना महत्वपूर्ण है। इस पर चर्चा के लिए वह बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) से 21 फरवरी को मिलेंगे।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है। आमतौर पर रेपो रेट कटौती के आधार पर ही बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी या कमी करते हैं। हालांकि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ऐलान के बाद 30 लाख रुपये तक की होम लोन पर ब्याज दर जरूर कम की है।
बैंकों के विलय पर जेटली ने क्या कहा
बीते दिनों बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक का विलय हुआ था। इसके बाद आने वाले दिनों में अन्य छोटे बैंकों के विलय की भी उम्मीद की जा सकती है। इस संबंध में आरबीआई बोर्ड को संबोधित करने के बाद वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ” देश को कुछ और बड़े आकार के बैंकों की जरूरत है, जो वित्तीय तौर पर मजबूत हों।”
बता दें कि बजट पेश होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की परंपरागत बैठक होती है। बता दें कि 2017 इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक के साथ उसके पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का 2017 में विलय हुआ था। जेटली ने कहा, ‘‘एसबीआई विलय का हमारे पास अनुभव है और अब इस क्षेत्र में दूसरा विलय हो रहा है। जेटली ने आगे कहा कि भारत को गिने-चुने बड़े बैंकों की जरूरत है जो हर मायने में मजबूत हो।