जुबिली स्पेशल डेस्क
लोकसभा चुनाव में अब करीब-करीब तीन महीने का वक्त रह गया है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
बीजेपी अपनी रणनीति में लगातार बदलाव कर रही है और पुराने फॉर्मूले पर चुनाव लडऩे का मन बना चुकी है जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी भी लगातार रणनीति बना रहे हैं लेकिन इंडिया गठबंधन में सबसे बड़ी चुनौती है सीट शेयरिंग।
यूपी में अखिलेश यादव ने पहले ही कांग्रेस को बता दिया है उन्हें कितनी सीट देने जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इन आठ सीटों में ज्यादातर शहरी सीटें हैं। सपा ने कांग्रेस को गठबंधन के लिए वाराणसी और लखनऊ जैसी 8 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने के लिए कहा है।
हालांकि कांग्रेस ने इस ऑफर पर कोई जवाब नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि हाल के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार इसका सबसे बड़ा कारण है। इस वजह से सपा से लेकर ममता की पार्टी कांग्रेस पर लगातार दबाव बना रही है।
वहीं बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर नीतीश और लालू ने कांग्रेस को एक प्रस्ताव भेज दिया है। दूसरी तरफ से महाराष्टï्र को लेकर सीट शेयरिंग को लेकर रार देखने को मिल रही है।
दरअसल कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी के बीच जुबाऩी जंग शुरू हो गई है लेकिन इस बीच शिवसेना यूबीटी का नेता संजय राऊत ने बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि उनसे मिलने के लिए राकांपा के अध्यक्ष जयंत पाटिल और जितेंद्र आव्हाड आए थे। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग स्पष्ट है। सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है। यहां 48 लोकसभा सीटें हैं जो कि एक बड़ा आंकड़ा है।
संजय राऊत ने कहा कि जो सीट शेयरिंग होनी चाहिए और जो पार्टी की सीट पर चुनाव जीत सकता है, सीट पर उसी का दावा रहेगा। इसके लिए कोई फॉर्मूला नहीं है। देश में इंडिया गठबंधन का एक ही फॉर्मूला है, जो जीतेगा वही लड़ेगा और महाराष्ट्र में भी इसी फॉर्मूले पर काम किया जा रहा है।