जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। 2020 में भारतीय शेयर बाजार ने सबसे बुरा और सबसे अच्छा समय भी देखा। विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 की स्थिति, वैक्सीन का वितरण, भूराजनीतिक रुझान, आम बजट और आर्थिक सुधार की गति से 2021 में भारतीय बाजारों की दिशा तय होगी।
विश्लेषकों ने कहा कि कोरोना महामारी और बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन उपायों के बीच निवेशक बीते साल बड़े पैमाने पर नुकसान दर्ज करने से लेकर रिकॉर्ड टूटने तक एक बेहद उतार- चढ़ाव भरे सफर से रूबरू हुए।
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पिछले साल घरेलू बाजार ने करीब 16% तक की बढ़त हासिल की। कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस के इक्विटी प्रमुख हेमंत कानवाला ने कहा अगर 2020 कोविड संक्रमण, लॉकडाउन और मंदी का साल था, तो 2021 टीकाकरण, फिर से शुरुआत और भरपाई का वर्ष होगा।
विश्लेषक इक्विटी बाजार को लेकर आशावादी हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि वृद्धि की मात्रा कई कारकों पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोविड-19 के मामलों में दोबारा बढ़ोतरी नहीं होती है, तो कुछ हद तक मुनाफावसूली के बाद बाजार में तेजी का रुख 2021 में भी जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा भूराजनीतिक स्थिति भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इस साल अमेरिका के नए राष्ट्रपति पदभार संभालेंगे। दलाल स्ट्रीट ने 2020 की समाप्ति तेजी के मूड में की और इस दौरान सेंसेक्स ने 15.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की।
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रेलिगेयर ब्रोकिंग के वाइस प्रेजिडेंट, रिसर्च, अजीत मिश्रा के मुताबिक बाजार लगातार नकदी प्रवाह, मजूबत वैश्विक संकेतों, कोरोना की वैक्सीन की खबरों और अमेरिका में राहत पैकेज की उम्मीदों के चलते ऊपरी स्तर पर बना हुआ है। हालांकि शुरुआत में जमीन मजबूत करने के लिए कुछ गिरावट हो सकती है।
उनके अनुसार केंद्रीय बैंकों के नकदी समर्थन को देखते हुए उम्मीद है कि बाजारों में अच्छा प्रदर्शन 2021 में भी जारी रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि घरेलू मोर्चे पर भारत की राजकोषीय स्थिति में सुधार, एनपीए की स्थिति और केंद्रीय बजट से बाजार की धारणा प्रभावित होगी।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के मुताबिक कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बावजूद 2021 में अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद है, और इससे कॉरपोरेट आय में बढ़ोतरी और इक्विटी बाजार में तेजी बने रहने का अनुमान है।
वेंचुरा सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख विनीत बोलिंजकर के अनुसार हमें उम्मीद है कि पर्याप्त नकदी और व्यवसायों में उम्मीद से बेहतर सुधार के कारण सेंसेक्स 51,500 के स्तर को और निफ्टी 15,100 के स्तर को पार कर सकता है।
मार्च में घरेलू शेयर बाजार पर भीषण तबाही का मंजर देखने को मिला। प्रमुख सूचकांक अपने शिखर स्तरों से करीब 45% तक लुढ़क गए थे, मगर इसके बाद बाजार ने 85% का एकाएक तेजी दिखाई। साल 2020 में बीएसई सेंसेक्स ने सात महीने हरे और पांच महीने लाल निशान के साथ खत्म किए थे।
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