जुबिली स्पेशल डेस्क
महाराष्ट्र की सियासत में कब क्या-क्या हो जाये ये किसी को पता नहीं है। शिंदे कुर्सी कितने दिन रहेगी ये पता नहीं है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
एकनाथ शिंदे के गुट ने शिवसेना से बगावत कर महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल ला दिया था। महाराष्ट्र के इस सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अपने फैसले में कहा है कि चूंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और उससे पहले ही इस्तीफा दे दिया इसलिए उद्धव सरकार को बहाल नहीं कर सकते। अगर उद्धव ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो फैसला कर सकते थे। विधायकों की अयोग्यता पर हम फैसला नहीं ले सकते. इस पर फैसला महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर लें।
सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र मामले पर अहम फैसला सुनाते हुए राज्यपाल, स्पीकर तथा व्हिप के फैसले को गलत ठहराया. इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने ही हमारे साथ गद्दारी की।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अगर इस्तीफा नहीं देता तो गद्दार लोगों के साथ कैसे सरकार चलाता. जिन लोगों को मेरे पिताजी, पार्टी ने सबकुछ दिया, और और ऐसे गद्दार लोग मेरे खिलाफ अविश्वास लाएं कैसे विश्वास करूं। इस मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री में अगर जरा सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए. लड़ाई तो आज से शुरू हुई है।’
वही सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। फैसले पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हैं।
महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. उद्धव को मालूम था कि उनके पास बहुमत नहीं है. उद्धव नैतिकता की बात ना करें। सत्य की जीत हुई है। कानून के मुताबिक सरकार बनाई. हमने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. हमने लोगों के विचार का सम्मान किया. बाला साहेब के विचारों का सम्मान किया। उद्धव के इस्तीफे में नैतिकता नहीं डर था। नैतिकता की बात उद्धव पर शोभा नहीं देती। शिवसेना बचाने का काम हमने किया है. चुनाव आयोग ने हमें सिंबल दिया।