जुबिली स्पेशल डेस्क
बेंगलुरु टेस्ट में 8 विकेट से हार. पुणे टेस्ट 113 रन से हारे और, अब मुबई में खेले आखिरी टेस्ट में 25 रन से शिकस्त का सामना करना पड़ा है। ये कहानी है टीम इंडिया की।
टॉम लैथम की कप्तानी वाली न्यूजीलैंड की टीम ने रविवार को तीसरे टेस्ट मैच में भारत पर 25 रनों की करारी शिकस्त देेते हुए तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में एतिहासिक क्लीन स्वीप करते हुए भारत को बड़ा जख्म दिया है।
एजाज पटेल को उनकी शानदार गेंदबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। वहीं विल यंग को प्लेयर ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला। कीवियों के 92 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार भारत की धरती पर क्लीप स्वीप करने का गौरव हासिल किया।
अगर थोड़ा पीछे जाये तो न्यूजीलैंड टीम ने पहली बार 1955 में भारत का दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में 2-0 से हार गयी थी। सीरीज के तीन मैच ड्रॉ रहे थे।
इसके बाद 1965 में न्यूजीलैंड की टीम भारत आई और इस बार उसके बड़ी निराशा रही और टीम इंडिया ने 1-0 से पराजित किया। इसके बाद न्यूजीलैंड 1969 में भारत का दौरे पर आयी और उस वक्त भारतीय धरती पर पहला टेस्ट जीता था। हालांकि सीरीज जीतने का सपना उसका अधूरा रहा और तीन मैचों की सीरीज न्यूजीलैंड 1-1 से बराबरी करने में सफल रही थी।
1. न्यूजीलैंड की गेंदबाजी का बेहतरीन प्रदर्शन
न्यूजीलैंड के गेंदबाजों, विशेषकर एजाज पटेल ने असाधारण प्रदर्शन किया। पटेल ने पूरे मैच में 14 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस कर दिया। उनकी गेंदबाजी में नियंत्रण और विविधता की वजह से भारतीय बल्लेबाज संघर्ष करते दिखे।
2. भारतीय बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
भारतीय बल्लेबाज न्यूजीलैंड के स्पिनरों के खिलाफ निरंतर संघर्ष करते दिखे। टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों ने शुरुआती विकेट जल्दी गंवा दिए, जिससे टीम को बड़ा स्कोर बनाने में मुश्किल आई। भारतीय बल्लेबाजी में कोई साझेदारी देखने को नहीं मिली, जिससे टीम की स्थिति कमजोर होती चली गई।
3. खराब क्षेत्ररक्षण और कैच छोड़ना
इस मैच में भारतीय टीम ने कई कैच छोड़े, जिससे न्यूजीलैंड को अपनी पारी को स्थिरता देने का मौका मिला। इन ड्रॉप कैच का लाभ उठाकर न्यूजीलैंड ने महत्वपूर्ण रन बनाए और भारतीय टीम पर दबाव बढ़ा।
4. पिच का रोल और टीम चयन पर सवाल
पिच पर तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों के लिए अनुकूलता थी, लेकिन भारतीय टीम का चयन इस पिच के अनुसार सही साबित नहीं हुआ। भारतीय टीम ने कई ऑलराउंडर्स को चुना, जो बल्ले और गेंद से उम्मीद पर खरे नहीं उतरे।
5. न्यूजीलैंड की मजबूत रणनीति
न्यूजीलैंड की रणनीति भारतीय टीम को छोटे स्कोर पर रोकने और छोटी-छोटी साझेदारियों के जरिए मैच में बढ़त बनाने पर आधारित थी। उन्होंने धैर्य से खेला और भारतीय गेंदबाजों को विकेट लेने के ज्यादा मौके नहीं दिए।
इन कारणों ने मिलकर भारतीय टीम को इस मैच में कमजोर किया और न्यूजीलैंड को जीत दिलाई।