न्यूज डेस्क
सोशल मीडिया पर पुलिस की हैरान कर देने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। तस्वीर में बाजार में पुलिस के घेरे के बीच में हाथों में हथकड़ी, कपड़े के नाम पर चड्डी-बनियान पहने आरोपी नजर आ रहे हैं।
दरअसल यह तस्वीर राजस्थान के अलवर की है जहां की पुलिस ने हाथों में हथकड़ी पहने अर्धनग्न अवस्था में 13 आरोपियों की परेड निकाली। इन सभी पर हरियाणा के एक गैंगस्टर को पुलिस हिरासत से फरार कराने का आरोप है।
अलवर के बहरोड़ में 22 सितंबर को पुलिस ने हाथों में हथकड़ी पहने अर्धनग्न अवस्था में 13 आरोपियों को जब बीच बाजार घुमाया तो एकबारगी लोगों के समझ में नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है। दरअसल लोगों ने पहली बार आरोपियों का परेड जो देखा था।
इन सभी आरोपियों पर हरियाणा के एक गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला को पुलिस हिरासत से फरार कराने का आरोप है। परेड निकालने के पीछे पुलिस की मंशा लोगों के समझ में नहीं आ रही है।
पुलिस का दावा है कि क्राइम सीन को रिक्रिएट करने के लिए यह एक तरह का मौका मुआयना था। मालूम हो कि 6 सितंबर को बहरोड़ पुलिस थाने से गैंगस्टर विक्रम सिंह उर्फ पपला पुलिस हिरासत से फरार हो गया था। पुलिस इस मामले की तफ्तीश कर रही है।
इस मामले की तफ्तीश कर रही पुलिस हथियारों से लैस जवानों के साथ 13 आरोपियों को अंडरगारमेंट में सड़क पर परेड कराते दिखे। इस घटना को कई राहगीरों ने अपने मोबाइल पर भी रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर शेयर किया। सोशल मीडिया पर इस घटना की तस्वीरें वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस यूजर्स के निशाने पर आ गई।
इस मामले में भिवाड़ी के एसपी अमनदीप सिंह कपूर ने कहा कि, क्राइम सीन को रिक्रिएट करने के लिए हमने उन्हें बाहर निकाला था, जोकि आपराधिक मामलों की जांच में एक रूटीन प्रक्रिया है। हमारा जनता के बीच किसी तरह का संदेश देने का कोई इरादा नहीं था।’
आरोपियों की यह परेड दो किलोमीटर तक कराई गई। इस दौरान एक कमांडो यूनिट समेत 150 जवान उनके साथ थे।
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वहीं एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘6 सितंबर के बाद से ट्रैफिक नियम तोड़ने और यहां तक कि चालान का विरोध करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। उन्हें निशाना बनाने के बजाए पुलिस को गैंगस्टर विक्रम का पता लगाना चाहिए।’
अधिकारी ने यह भी कहा कि रविवार को 13 आरोपियों की निकाली गई पब्लिक परेड पुलिस में जनता का भरोसा बहाल कर सकती है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि आरोपियों की परेड कराने के पीछे यही मकसद था।
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