जुबिली न्यूज डेस्क
देश की संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण में पेपर लीक की घटनाओं का भी ज़िक्र सुनाई दिया. संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर मिले. सरकारी भर्ती हो या परीक्षाएं, किसी भी कारण से इनमें रुकावट आए, ये उचित नहीं है.
वो बोलीं इन (परीक्षा) में शुचिता और पारदर्शिता बहुत ज़रूरी है. हाल ही में कुछ परीक्षा में पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाने के लिए मेरी सरकार प्रतिबद्ध है. इससे पहले भी हमने देखा है कि किसी राज्य में पेपर लीक की घटना होती रही हैं. इस बार दल या राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस उपाय करने की ज़रूरत है.
मुर्मू ने कहा संसद ने भी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के विरुद्ध एक सख़्त क़ानून बनाया है. मेरी सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके में सुधार करने की दिशा में काम कर रही है.
आपातकाल को लेकर कही ये बात
राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का भी ज़िक्र सुनाई दिया. उन्होंने कहा कि साल 1975 में जब आपातकाल लगाया गया था, तब देश में हाहाकार सा मच गया था और उस दौरान लोकतंत्र में दरार डालने की कोशिशें हुई थीं. द्रौपदी मुर्मू के मुताबिक, “आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था. आपातकाल के दौरान पूरा देश अंधेरे में डूब गया था लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक शक्तियों को पराजित करने में सफल रहा.”