जुबिली न्यूज डेस्क
जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर भारत को गंभीर चेतावनी मिली है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत कार्बन उत्सर्जन को कम नहीं करता है तो जल्द ही भारत रहने लायक ही नहीं रह जाएगा।
जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी की नई रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं। इस रिपोर्ट में भारत को लेकर एक चिंताजनक स्थिति को रेखांकित किया गया है।
आईपीसीसी ने सोमवार को अपनी छठी मूल्यांकन रिपोर्ट का दूसरा भाग जारी किया। पहली बार इसमें समिति ने अलग अलग प्रांतों के लिए अलग समीक्षा जारी की है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र की सतह के स्तर के बढऩे से प्रभावित होने वाली आबादी के लिहाज से भारत दुनिया में जलवायु परिवर्तन के आगे सबसे कमजोर देशों में से है।
रिपोर्ट के अनुसार, “अगर उत्सर्जन को जल्द ही खत्म नहीं किया गया तो वैश्विक स्तर पर गर्मी और आर्द्रता ऐसे हालात उत्पन्न कर देंगे जो इंसान बर्दाश्त नहीं कर पाएगा। भारत उन देशों में से है जहां ये असहनीय हालात उत्पन्न होंगे।”
शहरों पर विशेष रूप से खतरा
रिपोर्ट में विशेष रूप से शहरों पर पडऩे वाले असर के बारे में बताया गया है। मिसाल के तौर पर मुंबई पर भारी बाढ़ और समुद्र के स्तर के बढऩे का काफी खतरा है।
इसके अलावा अहमदाबाद पर शहरी ‘हीट आइलैंड’ बन जाने का गंभीर खतरा है। चेन्नई, भुवनेश्वर, लखनऊ और पटना जैसे शहर भी गर्मी और आर्द्रता के खतरनाक स्तर की तरफ बढ़ रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरों में हीटवेव जैसे बहुत अधिक गर्मी के हालात बढ़ गए हैं और उनकी वजह से वायु प्रदूषण भी बढ़ा है। बिजली, पानी, यातायात जैसी महत्वपूर्ण आधारभूत संरचनाओं पर भी असर पड़ा है।
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रिपोर्ट में ‘वेट-बल्ब’ तापमान के बारे में बताया गया है जो गर्मी और आर्द्रता को एक साथ मापने का एक पैमाना है। 31 डिग्री सेल्सियस वेट-बल्ब तापमान इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। 35 डिग्री में तो स्वस्थ वयस्क भी छह घंटों से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकेंगे।
मौजूदा वक्त में भारत में ‘वेट-बल्ब’ तापमान यदा कदा ही 31 डिग्री से ऊपर जाता है। आईपीसीसी के अनुसार देश के अधिकांश इलाकों में यह 25-30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है।
समिति ने कहा है कि अगर मौजूदा वादों के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सका तब भी उत्तरी और तटीय भारत के कई इलाकों में इस शताब्दी के अंत तक ‘वेट-बल्ब’ तापमान 31 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाएगा और अगर उत्सर्जन बढ़ता रहा तो देश के कई इलाकों में ‘वेट-बल्ब’ तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंच जाएगा, जिसमें बचना मुश्किल है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मानव जाति एक “रहने लायक” भविष्य को सुनिश्चित करने के मौके को गंवा देने के बेहद करीब है। 195 देशों की समिति आईपीसीसी के अनुसार, ” कुल वैज्ञानिक सबूत बिल्कुल स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन इंसानों की भलाई और हमारे ग्रह के स्वास्थ्य के लिए एक खतरा है।”
समिति के अनुसार “सब के लिए रहने लायक भविष्य सुनिश्चित करने का मौका तेजी से हाथ से छूट रहा है” और अगर कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने में अगर जरा भी और देर हुई तो यह मौका छूट ही जाएगा।