Monday - 28 October 2024 - 9:24 AM

CAA, NRC और NPR को लेकर तुषार गांधी ने क्या कहा

न्यूज डेस्क

नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। विरोध के चलते कई जगह तो हिंसक वारदात भी हो गया, बावजूद अब तक केंद्र सरकार की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

आम आदमी से लेकर देश की जानी-मानी हस्तियां नागरिकता संसोधन कानून के विरोध में हैं। इसी कड़ी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि तीन गोलियों ने महात्मा गांधी को मारा और जो लोग राष्ट्रपिता की हत्या के लिए जिम्मेदार थे, वो अब भारत को भी तीन गोलियों से ही मारने की धमकी दे रहे हैं। ये तीन गोलियां हैं सीएए, एनआरसी और एनपीआर।

तुषार गांधी ने यह बातें कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में सीएए एनआरसी के विरोध में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। गौरतलब है कि दिल्ली के शाहीनबाग इलाके की तरह कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में भी प्रदर्शनकारी पिछले कई दिनों से यहां डटे हुए हैं। 28 फरवरी को तुषार गांधी, भीमराव अम्बेडकर के परपोते राज रत्न अम्बेडकर के साथ समेत कई सामाजिक कार्यकर्ता इस प्रदर्शन में शामिल हुए।

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इस मौके पर तुषार गांधी ने कहा, “उन्होंने बापू की छाती में 3 गोलियां दागी। अब वही लोग उसी तरह तीन गोलियों सीएए, एनआरसी और एनपीआर से देश को मार रहे हैं। याद रखें, उनका स्वभाव नहीं बदला है, लेकिन हमें उन्हें बताना होगा कि हमारी छाती बहुत मजबूत है और हम उनकी गालियों के आगे नहीं झुकेंगे।”

उन्होंने विरोध-प्रदर्शन को अहिंसक रखने पर जोर देते हुए कहा कि यदि हम इस देश के लिए अपना खून बहाते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं लेकिन हम उनका खून नहीं बहाएंगे, जो हमारा विरोध कर रहे हैं। हमारी ताकत ये ही है कि हमारा मूवमेंट अहिंसक है।

वहीं शाहीन बाग विरोध-प्रदर्शन का चेहरा बनीं 82 वर्षीय बिल्किस बानो भी इस कोलकाता के पार्क सर्कस में आयोजित हुई इस रैली में पहुंची। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, वो कहते हैं कि हम शाहीन बाग में इसलिए हैं कि वहां मुफ्त बिरयानी मिल रही है। मैं कहना चाहती हूं पीएम मोदी से कि क्या आप भी पाकिस्तान बिरयानी खाने गए थे।

जनसभा को संबोधित करते हुए भीमराव अम्बेडकर के परपोते राज रत्न अम्बेडकर ने कहा कि ये लोग संविधान से डरे हुए हैं। भाजपा मनुस्मृति को लागू करना चाहती है। नया सीएए कानून ना सिर्फ मुस्लिमों से भेदभाव करता है बल्कि आदिवासी, एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ भी भेदभाव करता है।

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