जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. चक्रवाती तूफ़ान यास की वजह से दो दिन लगातार हुई तेज़ बारिश के बाद नदियाँ उफान पर आईं तो झारखंड की कांची नदी पर दस करोड़ रुपये की लागत से बना पुल धंस गया. उद्घाटन से पहले ही पुल का ढह जाना यह साबित करने को काफी है कि निर्माण कार्य भी भ्रष्टाचार का खेल खेला गया. शुरुआती जांच में यह पता चला है कि जिस ठेकेदार ने यह पुल बनाया था उसी ने झारखंड का विधानभवन भी बनाया है. विधानभवन का एक हिस्सा भी ढह गया है.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश देते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार और जनता के पैसे की लूट किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी. रांची में बने नवनिर्मित पुल के ढह जाने से सिस्टम की पोल खुल गई है.
ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने अपने विभाग के सचिव से टीम गठित कर तत्काल इस मामले की जांच कराने को कहा है. यह पुल हालांकि तीन साल पहले ही बनकर तैयार हो गया था लेकिन अब तक इसे विभाग को हैण्डओवर भी नहीं किया गया था.
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झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक विकास मुंडा ने बताया कि इसी कम्पनी का बनाया हुआ एक पुल पहले भी ढह चुका है. इसी कंस्ट्रक्शन कम्पनी ने झारखंड का विधानभवन भी बनाया है जिसका एक हिस्सा कुछ दिन पहले गिर चुका है. इसी कम्पनी ने हाईकोर्ट की बिल्डिंग का निर्माण भी किया है.