छठ पूजा का 36 घंटे का निर्जला व्रत महिलाओं के लिए एक कठिन तपस्या होता है, और इसे खत्म करते समय कुछ सावधानियाँ बरतना बेहद महत्वपूर्ण है ताकि शरीर को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। एक्सपर्ट्स के अनुसार, व्रत खोलते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
1. थोड़ा-थोड़ा नारियल पानी या नींबू पानी लें
शुरुआत में तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी या नींबू पानी लें, जिससे शरीर को हाइड्रेशन मिले। धीरे-धीरे भारी आहार शुरू करें और एक बार में ज्यादा न खाएं। इस तरह संतुलित और धीरे-धीरे भोजन करने से शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद मिलती है। उपवास के बाद खाने में प्रोटीन और फाइबर का सेवन करें, ताकि शरीर को जरूरी पोषण मिले और कमजोरी महसूस न हो।
2. हल्के और पचने वाले भोजन से शुरुआत करें
व्रत तोड़ने के तुरंत बाद भारी भोजन करने से बचें। इसके बजाय हल्के और सुपाच्य आहार, जैसे फल, नारियल पानी, या सूप लें। इससे पाचन तंत्र पर अचानक भार नहीं पड़ेगा और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व धीरे-धीरे मिलते रहेंगे।
3. चीनी और नमक की मात्रा पर ध्यान दें
व्रत के बाद शरीर में इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस को बनाए रखने के लिए थोड़ा मीठा और नमक लेना लाभकारी होता है। उदाहरण के लिए, गुड़ या खजूर जैसे प्राकृतिक शुगर स्रोतों का सेवन करें और लिक्विड में हल्का सा नमक डाल सकते हैं।
4. धीरे-धीरे भोजन का सेवन करें
पेट को आराम देने के लिए भोजन को जल्दी न निगलें, बल्कि धीरे-धीरे और चबाकर खाएं। इससे पाचन तंत्र को भोजन पचाने में आसानी होती है, और एसिडिटी जैसी समस्या से बचाव होता है।
5. कैफीन और मसालेदार भोजन से बचें
व्रत खत्म करने के तुरंत बाद चाय, कॉफी, या मसालेदार भोजन से परहेज करें, क्योंकि ये एसिडिटी और गैस की समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसके बजाय, ठंडा दूध या हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं।
6. आराम करें और भारी काम से बचें
व्रत के बाद शरीर में कमजोरी हो सकती है, इसलिए पर्याप्त आराम लें। इस समय भारी काम या एक्सरसाइज से बचना चाहिए ताकि शरीर को पूरा विश्राम मिल सके।
इन सावधानियों को अपनाकर महिलाएं छठ व्रत के बाद अपनी सेहत का ध्यान रख सकती हैं और इस कठिन तपस्या का सकारात्मक अनुभव ले सकती हैं।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। जुबिली पोस्ट और जुबिली मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। जुबिली पोस्ट तथा जुबिली मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।