न्यूज डेस्क
ईरान के सबसे ताकतवर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच जारी जुबानी जंग के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। सुलेमानी की मौत के बाद से ही मिडिल ईस्ट में तनाव साफतौर पर महसूस किया जा रहा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने मध्य पूर्व के हालात पर चिंता जाहिर किया है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस तरह के टकराव से उपजा भू-राजनीतिक तनाव सदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि हमारी दुनिया में नए साल की शुरुआत उथल-पुथल से हुई है। हम एक खतरनाक दौर में जी रहे हैं। हमारा ग्रह आग पर बैठा नजर आ रहा है।
यह भी पढ़ें : ईरान के लिए कितने अहम थे मेजर जनरल कासिम सुलेमानी
यह भी पढ़ें : ‘अमेरिका से दोस्ती इराक की संप्रभुता को ताक पर रखकर नहीं हो सकती’
गुटेरेस ने 6 दिसंबर को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मध्य पूर्व में राष्ट्र अप्रत्याशित फैसले ले रहे हैं जिससे एक खतरा पैदा हो गया है। हालिया टकराव से भू-राजनीतिक तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। यह अशांति थमने के बजाए अभी और बढ़ ही रही है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर तनावों का सिलसिला देशों को अप्रत्याशित नतीजों के साथ अप्रत्याशित फैसले लेने के रास्ते पर ले जा रहा है। इससे एक बड़ा खतरा पैदा हो गया है। अब हमें क्षेत्रीय अखंडता और इराक की संप्रभुता के बारे में बात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर बड़े संघर्ष को रोकने की कोशिश करनी है।
यह भी पढ़ें : तो क्या छात्रों के आंदोलन में देशद्रोही शामिल हो गए हैं
यह भी पढ़ें : ‘NRC में मां-बाप का है नाम तो बच्चों को नहीं भेजा जायेगा डिटेंशन सेंटर’
गुटेरेस ने कहा कि व्यापार और तकनीकी के क्षेत्र में देखे जा रहे टकराव दुनिया के बाजारों को तोड़ रहे हैं। वर्तमान समय में हमारी पृथ्वी आग पर नजर आ रही है। पूरी दुनिया जलवायु संकटों का सामना कर रही है। दुनिया के कई हिस्सों में लोगों के बीच गुस्सा देखा जा रहा है। इससे विकास पर असर पड़ रहा है जिससे असमानताओं की खाई और चौड़ी हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने कहा कि अफ्रीका में आतंकवाद और सामाजिक अशांति बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं चरमपंथ, राष्ट्रवाद और कट्टरता में भी तेजी का रुख है। उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनावों एक बड़े संकट के तौर पर देख रहा हूं। इसको लेकर मैं दुनिया भर के प्रमुख अधिकारियों के निरंतर संपर्क में हूं।
गौरतलब है अमेरिका का रूख देखते हुए इराक ने अपने यहां से अमेरिकी सेना को जाने के लिए कह दिया है। इराक की संसद में मौजूद विदेशी सेना को बाहर करने का प्रस्ताव पास हो गया है। इराक के आउटगोइंग पीएम अब्दुल मेंहदी ने भी साफ लफ्जों में कहा था कि सुलेमाली की हत्या राजनीतिक हत्या है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप को इराक का आदेश पसंद नहीं आया। ट्रंप ने इराक को भी धमकी देते हुए शर्त लगाने की बात कही है।
यह भी पढ़ें : ‘NRC में मां-बाप का है नाम तो बच्चों को नहीं भेजा जायेगा डिटेंशन सेंटर’
यह भी पढ़ें : ‘मेरे समय जेएनयू में कोई टुकड़े-टुकड़े गैंग नहीं था’