Sunday - 27 October 2024 - 11:59 PM

नूंह में हिंसा की चिंगारी कैसे भड़की?

जुबिली न्यूज डेस्क

लोग घरों में कैद है…रास्तों में सन्नाटे है….आज़ादी के बाद पहली बार इस इलाक़े में भड़की सांप्रदायिक हिंसा ने नूंह के आपसी भाईचारे पर ऐसे काले धब्बे लगा दिए हैं, जिन्हें भुलाना और मिटाना आसान नहीं होगा. आम दिनों में हरियाणा के नूंह ज़िले की जिन सड़कों पर चहल-पहल रहती थी, वहाँ इस वक़्त सन्नाटा पसरा हुआ है, गश्त करते हुए अर्धसैनिक बलों की आवाज़ें ज़रूर सुनी जा सकती हैं.

प्रशासन ने सड़कों से जली हुई गाड़ियों को भले उठा लिया हो, लेकिन उनके निशान पूरे शहर में फैले हुए हैं, जो सोमवार को भड़की सांप्रदायिक हिंसा की गवाही दे रहे हैं.लोग पिछले तीन दिनों से कर्फ़्यू के चलते घरों में क़ैद हैं और दुकानों के बाहर ताले लटके हुए हैं, कर्फ्यू में पहली बार ढील शुक्रवार की दोपहर को दी गई.

सवाल है कि इतने बड़े पैमाने पर शहर में यह हिंसा क्या अचानक भड़की? क्या यह कोई सोची-समझी साज़िश थी? यह कब और कैसे शुरू हुई? क्या प्रशासन को इसका अंदाज़ा था? क्या जान-माल की हानि को रोका जा सकता था?

सांप्रदायिक हिंसा कैसे शुरू हुई?

जिस नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़की, वह हरियाणा का एक ज़िला है जिसकी सीमा राजस्थान से लगती है, यह ज़िला उस बड़े क्षेत्र का हिस्सा है, जिसे मेवात कहा जाता है. मेवात क्षेत्र में हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से आते हैं, जो मुस्लिम बहुल हैं. यह इलाक़ा आर्थिक और सामाजिक रूप से तो ज़रूर पिछड़ा हुआ है लेकिन सांप्रदायिक हिंसा या दंगे जैसी खबरें, यहाँ से कभी नहीं आई लेकिन सोमवार को जो हुआ उसने सब कुछ बदल कर रख दिया है.

बात सबसे पहले घटनाक्रम की, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन बजरंग दल की अगुवाई में 31 जुलाई को ब्रजमंडल (मेवात) जलाभिषेक यात्रा रखी गई थी.तय कार्यक्रम के अनुसार इस यात्रा को नल्हड के शिव मंदिर से क़रीब 35 किलोमीटर दूर फ़िरोज़पुर झिरका के झिर मंदिर और वहाँ से क़रीब 30 किलोमीटर दूर पुनहाना के कृष्ण मंदिर पहुँचना था.

बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने इस यात्रा में शामिल होने के लिए हरियाणा प्रांत के सभी ज़िलों से अपने कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं को बुलाया था.यात्रा में शामिल पानीपत के रहने वाले बजरंग दल के कार्यकर्ता महेश कुमार ने बताया, हम नूंह से करीब 180 किलोमीटर दूर पानीपत से सुबह छह बजे बस में 50 लोग चले.

हम 11 बजे नल्हड के शिव मंदिर पहुँच गए. यहाँ हज़ारों की संख्या में लोग आए हुए थे. 12 बजे तक भंडारा और जलाभिषेक का कार्यक्रम चला.दोपहर के समय मंदिर के अंदर और बाहर भारी भीड़ थी. 50 से ज़्यादा बसें और कारें सड़कों पर खड़ी हुई थी और लोगों के आना जारी था.

‘आगे बढ़ते ही शुरू हुआ पथराव’

महेश के मुताबिक़, दोपहर 12.30 बजे ब्रजमंडल यात्रा फ़िरोज़पुर झिरका के झिर मंदिर के लिए रवाना हुई. बसों और कारों में बैठकर लोगों ने निकलना शुरू कर दिया. यात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, लेकिन जैसे ही यात्रा क़रीब दो किलोमीटर आगे बढ़ी और मुख्य सड़क पर पहुँची, तो पथराव शुरू हो गया.नूंह के स्थानीय निवासी मुस्तफ़ा ख़ान कहते हैं, “यात्रा में शामिल लोगों ने मुख्य सड़क पर पहुँचकर मोनू मानेसर ज़िंदाबाद के नारे लगाए, जिसके बाद हिंसा भड़क गई.

सोशल मीडिया पर वायरल यात्रा के कई दूसरे वीडियो में भी कुछ लोग ‘मोनू मानेसर जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं. नूंह के ही स्थानीय निवासी वसीम ख़ान कहते हैं कि लोगों में मोनू मानेसर को लेकर गुस्सा था और यात्रा में शामिल लोग धार्मिक नारे लगा रहे थे, जिसने माहौल खराब किया. हिंसा के आरोपों पर मोनू मानेसर ने एक वीडियो जारी करके सफाई दी है. उन्होंने कहा, मेवात के छोटे यू-ट्यूब वालों ने माहौल खराब किया है. पुलिस ने पहले ही पत्रकारों को कहा था कि मोनू मानेसर नहीं आएगा, उसके बाद भी लोकल यू-ट्यूबरों ने माहौल खराब किया.

गोलीबारी में मौत का आरोप

चश्मदीदों के मुताबिक़ दोपहर को शुरू हुई यह हिंसा शाम को क़रीब पांच बजे फिर से भड़की और इस बार भीड़ ने शिव मंदिर को घेर लिया.नल्हड शिव मंदिर के पुजारी ने बताया शाम को माहौल और ज़्यादा ख़राब हो गया. बाहर गोलियां चल रही थीं और लोग मंदिर में शरण ले रहे थे. उस समय दो से ढाई हज़ार लोग मंदिर के अंदर थे.

मंदिर के आस-पास कई मुस्लिम बहुल गांव हैं, जहां हिंसा के बाद से सन्नाटा पसरा हुआ है. पुलिस कार्रवाई के डर से कई मुस्लिम मोहल्ले खाली हो गए हैं. गोलीबारी के सवाल पर यहां मौजूद लोग कहते हैं बाहर के कुछ शरारती तत्व स्थानीय लोगों की भीड़ में घुस गए थे. यहां के लोगों ने किसी पर गोली नहीं चलाई है. नूंह से शुरू हुई ये हिंसा देर शाम हरियाणा के सोहना और गुरुग्राम तक पहुंच गई, जहां भीड़ ने तोड़फोड़ और आगजनी की और मस्जिद के 22 साल के नायाब इमाम मोहम्मद साद की हत्या कर दी.

कुछ लोगों ने एक षड़यंत्र रचकर उस यात्रा पर आक्रमण करना शुरू किया, न सिर्फ यात्रा पर बल्कि पुलिस को भी निशाना बनाया गया. जिसके बाद यात्रा को भी भंग किया और बहुत स्थानों पर आगज़नी की घटनाएं हुईं. निश्चित रूप से एक बड़े षड़यंत्र का हिस्सा लगता है. हरियाणा सरकार के मुताबिक, शांति बनाए रखने के लिए नूंह में 14, पलवल में 3, गुरुग्राम में 2 और फरीदाबाद में अर्धसैनिक बलों की एक कंपनी तैनात की हुई है.

सीएम के मुताबिक हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हुई है, जिसमें दो पुलिसकर्मी शामिल हैं. वहीं अब तक 116 लोगों को गिरफ्तार और 90 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

इस हिंसा के लिए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने पुलिस-प्रशासन पर सवाल उठाया है. उन्होने कहा, “बृज मंडल यात्रा हर साल होती है. बीस हजार लोग हिस्सा लेते हैं, यह सबको पता था. इसकी तैयारी पुलिस ने नहीं की, लेकिन मुसलमानों ने की. कई दिनों से पत्थर इकट्ठा किए जा रहे थे. योजना बनाई जा रही थी. यात्रा एक किलोमीटर बढ़ी ही थी कि हमला किया गया. यह एक इंटेलिजेंस की एक बड़ी चूक है.

हिंसा के पीछे की वजह क्या

इस सांप्रदायिक हिंसा के शुरू होने से पहले ही नूंह के लोगों में काफ़ी गुस्सा था. जिसकी कई वजहों में से एक वजह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो हैं, ये वीडियो बजरंग दल के हरियाणा गौरक्षा प्रांत प्रमुख मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी और फ़िरोज़पुर झिरका से कांग्रेस के विधायक मामन ख़ान के हैं.

एक वीडियो में मोनू मानेसर कह रहे हैं सभी भाइयों को बड़ी ख़ुशी के साथ बताया जा रहा है कि 31 जुलाई, दिन सोमवार को मेवात ब्रजमंडल यात्रा है. सभी भाई बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और मेवात के सभी मंदिरों में ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में जाएं. हम ख़ुद यात्रा में शामिल रहेंगे. हमारी पूरी टीम यात्रा में शामिल रहेगी.

यहां बताना ज़रूरी है कि मोनू मानेसर पर कई गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें मेवात के दो युवकों नासिर और जुनैद की हत्या का मामला भी शामिल है, मोनू मानेसर के वीडियो आते रहे हैं लेकिन पुलिस का कहना है कि वे फ़रार हैं.

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ऐसा ही एक वीडियो खुद को गौरक्षक बताने वाले बिट्टू बजरंगी का है जिसमें वे कह रहे हैं, पूरी लोकेशन दे दूं कि मैं कहां-कहां आ रहा हूं. नहीं तो यह कहेंगे कि बताया नहीं, कि हम ससुराल आए और मुलाक़ात नहीं हुई इसलिए हम पूरी लोकेशन देंगे. अभी हम पाली हैं और निकलेंगे धौंस से. फूल माला तैयार रखना.

कोई दिक़्क़त नहीं हैं. इसी वीडियो में पीछे से आवाज़ आती है कि ‘जीजा तुम्हारे आ रहे हैं’ जिस पर बिट्टू बजरंगी सहमति जताते हुए दिखते हैं. हिंसा से पहले इन तीनों वीडियो की चर्चा पूरे नूंह में हो रही थी. मेवात के लोग मोनू मानेसर और बजरंग दल के लोगों को लेकर रोष में हैं और इसकी वजह पिछले कई सालों से इलाक़े में बढ़ते कथित गौरक्षक और उनसे जुड़ी घटनाएँ हैं.

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