राजीव ओझा
सफाई के प्रति भारतीय थोड़े जागरूक जरूर हुए हैं लेकिन अभी भी सफाई के प्रति जितनी संवेदनशीलता होनी चाहिए उसमें बहुत पीछे हैं। खान-पान हो या रहन-सहन, अभी भी भारतीय सफाई पर बहुत ध्यान नहीं देते हैं।
आजकल हर जगह चीन के कोरोना वायरस के संक्रमण की चर्चा है। भारत अभी इसके कहर से बचा हुआ है लेकिन पडोसी देश होने की वजह से भारत में भी खतरा बना हुआ है। कोरोना वायरस का संक्रमण संपर्क से होता है। यह सच है कि शहर और गांव में लोग अब खुले में शौच कम करते हैं। यहां तक कि शहरी झुग्गी झोपडी में रहने वाले भी अब सड़क के किनारे या खुले में शौच कम ही करते हैं। लेकिन अगर भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला तो यह चीन की तुलना में कहीं अधिक तेजी से फैलेगा।
इसकी ख़ास वजह है कि भारतीय शेयर की जानी वाली चीजों की सफाई को लेकर बहुत जागरूक नहीं हैं। खासकर सार्वजनिक स्थानों पर भारतीय हाइजीन पर बहुत ध्यान नहीं देते। यह सार्वजनिक शौचालय, ऑफिस, होटल ट्रेन, बस, नल की टोंटी और स्वीमिंग पूल कुछ भी हो सकता है।
आज आपको करीब एक दर्जन ऐसी वस्तुओं या स्थानों के बारे में बताएँगे जो आपकी रोजमर्रा की जिन्दगी का हिस्सा हैं लेकिन सबसे ज्यादा गंदे होने की वजह से वहां संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 70 फीसदी स्वीमिंग पूल, ख़ासकर स्कूल और बच्चों के स्वीमिंग पूल ई कोली नाम के बैक्टीरिया के संक्रमण का प्रमुख स्रोत होते हैं।
किसी सुगन्धित, चमकते पाश होटल में जाने पर आपको लगता होगा कि वहां साफ़ सफाई का बहुत ध्यान रखा जाता होगा। लेकिन आपको जानकार आश्चर्य होगा कि होटल और रेस्टोरेंट में सबसे गन्दी चीज होती है मेन्युकार्ड। अनगिनत हाथों से गुजरने के बाद इसमें अनगिनत तरह के बैक्टीरिया और वायरस आ जाते हैं। होटल प्रबंधन इन मेन्यु कार्ड को सैनेटाइज करने की जहमत कम ही उठता है।
इसी तरह स्कूलों में लगे सार्वजनिक नल की टोंटी भी सबसे ज्यदा संक्रमित चीजों में आती है। यहाँ तक की ये टोंटियाँ, टॉयलेट से भी ज्यादा गन्दी होती हैं। क्योंकि टॉयलेट की सफाई तो रोज होती है लेकिन टोंटी कभी साफ़ नहीं की जाती।
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टॉयलेट कितना भी साफ़ हो लेकिन टॉयलेट के दरवाजे के हैंडल या कुंडे बहुत गंदे होते हैं। अध्ययन में पाया गया कि शौच के बाद टॉयलेट से निकलने के पहले एक-तिहाई पुरुष और दो-तिहाई महिलायें हाथ ठीक से नहीं धोतीं।
आप महंगा मोबाइल बड़े चाव से अपने पास हमेशा रखते होंगे। अध्ययन में पाया गया कि भले ही मोबाइल आप किसी और से शेयर न करते हों लेकिन कोई भी मोबाइल कम से कम 40 तरह के बैक्टीरिया का घर होता है।
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि लिफ्ट के बटन भी काफी गंदे और संक्रमित होते हैं। इसी तरह एस्केलेटर में दोनों ओर लगी रबर की स्ट्रिप भी संक्रमण का स्रोत होती हैं। इसी तरह साफ़ सुथरे शॉपिंग मॉल में सामान ले जाने वाली ट्रोली में अक्सर लोग अपने बच्चों को बैठा देते हैं। ऐसा कभी न करें क्योंकि ये ट्रोलियाँ अक्सर गन्दी होती हैं और आपके बच्चे को इससे संक्रमण हो सकता है।
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आप किसी थ्री या फाइव स्टार होटल में रूम पर भारी भरकम रकम खर्च इस उम्मीद से खर्च करते हैं बीएड और टॉयलेट साफ़ मिलेंगे। लेकिन शायद आपको पता नहीं की रूम में रखे टीवी और एसी के रिमोट भी संक्रमण के बड़े स्रोत होते हैं और रूम सर्विस में इन रिमोट पर बहुत ध्यान नहीं दिया जाता। इसी तरह जूस ग्लास में किनारे फंसा कर दी गई लेमन स्लाइस से भी संक्रमण का खतरा होता है। बच्चों के खेलने के लिए बनाये गए सैंड पूल भी गंदगी के बड़े स्रोत होते हैं।
लेकिन सबसे गंदी चीज वो है जिसे आप सबसे ज्यादा प्यार करते हैं। जी हाँ, यह है कागज़ की करेंसी नोट जिसे आप अपनी जेब या पर्स में सबसे सहेज कर रखते हैं। लेकिन आप करेंसी के साथ ही अनगिनत तरह के कीटाणु भी अपने पास सहेजे रहते हैं। सो याद रहे जो चमकता है, जरूरी नहीं वह साफ़ भी हो।
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