न्यूज डेस्क
भारत के ग्रामीण अंचल में आज भी घूंघट प्रथा जारी है। महिलाएं प्रथा के नाम पर घूंघट करने को मजबूर हैं। इसका विरोध पर उन्हें तरह-तरह से उलाहना दी जाती है। इस प्रथा पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रहार किया है।
पांच नवंबर को सीएम अशोक गहलोत ने ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के घूंघट करने की प्रथा पर प्रहार करते हुए कहा कि जब तक घूंघट नहीं हटेगा महिला कभी आगे नहीं बढ़ पाएगी। गहलोत ने कहा, ‘समाज को किसी महिला को घूंघट में कैद करने का क्या अधिकार है?’
नारी अधिकारों के लिए काम कर रहे एक संगठन के कार्यक्रम में महिलाओं के बिना घूंघट शामिल होने की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि कुछ ग्रामीण इलाकों में महिलाएं अब भी घूंघट करती हैं। उन्होंने कहा कि घूंघट का जमाना गया। उन्होंने कहा- हिम्मत और हौसले के साथ आपकों आगे बढऩा पड़ेगा। सरकार आपके हर कदम के साथ खड़ी मिलेगी।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि अब जमाना बदल गया है। नारी शक्ति को घूंघट में कैद नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब महिलाओं को घूंघट में रखा जाता था। आज वक्त बदल चुका है। महिलाएं पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उदाहरण हम सबके सामने है, जिन्होंने 17 साल तक देश का सफल नेतृत्व किया।
इस मौके पर गहलोत ने बाल विवाह पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह नहीं होना चाहिए, क्योंकि उससे सिर्फ और सिर्फ जिंदगी बर्बाद होती है।
एक वाकये का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि हाल ही में जनसुनवाई के दौरान एक बच्ची शिकायत लेकर आई कि उसका बाल विवाह किया जा रहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्ची का बाल विवाह नहीं होना चाहिए और अगर वह पढऩा चाहे तो सरकार पूरी मदद करेगी।
Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot in Jaipur: Gaon mein aaj bhi ghoonghat hai, ek mahila ko ghoonghat mein qaid karne ka, ek samaj ko kya adhikaar hai? Jab tak ghoonghat rahega tab tak mahilayen aage nahi badh paengi, zamana gaya ghoonghat ka. pic.twitter.com/uLvCsnP0x4
— ANI (@ANI) November 5, 2019
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में काम कर रहे संगठन समाज से डायन प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों व अंधविश्वासों के उन्मूलन के लिए आगे आकर राज्य सरकार का सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक के इस युग में ऐसी कुप्रथाओं और अंधविश्वासों को उचित नहीं कहा जा सकता। समाज की उन्नति में ये बाधक हैं। सामाजिक संस्थाएं इन कुप्रथाओं के खिलाफ वातावरण तैयार करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहुत संवेदनशील हैं। महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीडऩ की घटनाएं रोकने के लिए सरकार उचित कदम उठा रही है।
गहलोत ने कहा-हमने सरकार बनने के बाद फैसला किया है कि सभी जिलों में डिप्टी एसपी रैंक का एक-एक अफसर इसी तरह के मामलों को देखेगा।
कार्यक्रम खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उपलब्धियों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘इंदिरा गांधी महान शख्सियत थीं। पूरी दुनिया में उनका नाम था। उन्होंने दुनिया के नक्शे पर बांग्लादेश का नाम लिखा। वह हरित क्रांति लेकर आईं। पहले हम लोग अमेरिका से गेहूं की भीख मांगते थे।’
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