न्यूज डेस्क
पिछले डेढ़ माह से पाकिस्तान अलग-थलग पड़ा हुआ है। जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसले को लेकर पाकिस्तान यूएन से लेकर दुनिया के कई देशों का दरवाजा खटखटाया लेकिन उसे किसी का साथ नहीं मिला। अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी किए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान को चीन छोड़ मुस्लिम देशों का भी साथ नहीं मिला। फिलहाल अब कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान को नसीहत देते हुए बैकडोर डिप्लॉमसी का पेशकश किया है।
सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे प्रभावशाली मुस्लिम देशों ने जहां कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को भारत के साथ बैकडोर डिप्लॉमसी चैनल ऐक्टिवेट करने की राय दी तो वहीं पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा है कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तल्ख भाषा के इस्तेमाल पर लगाम लगाएं।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, 3 सितंबर को सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल अल जुबैर और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन अल नाहयान इस्लामाबाद दौरे पर अपने नेतृत्व और कुछ अन्य शक्तिशाली देशों की ओर से संदेश लेकर आए थे।
इन लोगों ने पाकिस्तान से कहा कि वह भारत के साथ अनौपचारिक बातचीत करे। एक दिवसीय यात्रा पर उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बातचीत बेहद गोपनीय थी और विदेश मंत्रालय के केवल शीर्ष अधिकारियों को ही उन बैठकों में जाने दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब और यूएई के राजनायिकों ने पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम करने के लिए वे भूमिका निभाने की भी इच्छा जताई। इनमें से एक प्रस्ताव दोनों देशों के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत (बैकडोर डिप्लॉमसी) का भी था।
पाकिस्तान से मध्यस्थों ने पेशकश की कि वो कश्मीर में कुछ पाबंदियों में ढील देने के लिए वह भारत को राजी करने की कोशिश कर सकते हैं, बशर्ते पीएम मोदी पर हमले बंद किए जाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि वो पीएम मोदी के खिलाफ जुबानी हमले कम करें।
हालांकि, पाकिस्तान ने उनके अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया और साफ किया कि वह भारत के साथ पारंपरिक कूटनीति तभी करेगा जब नई दिल्ली कुछ शर्तों पर राजी हो जाए। अखबार के मुताबिक, ‘इन शर्तों में कश्मीर से कर्फ्यू तथा अन्य पाबंदियां हटाना शामिल हैं।’
गौरतलब है कि जब से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म हुआ है और अनुच्छेद 370 का कुछ प्रावधानों खत्म हुआ है तब से पाकिस्तान ने भारत के साथ अपने राजनयिक संबंध सीमित कर दिए हैं। उसके बाद से पाकिस्तान सरकार लगातार भारतीय प्रधानमंत्री पर हमले कर रहे हैं। इतना ही नहीं इमरान खान के मंत्री भी भारत के खिलाफ अपनी नकारात्मक भावनाएं नहीं छिपा पा रहे हैं। भ
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हालात को सामान्य करने के लिए भारत के साथ पर्दे के पीछे से कोई कूटनीतिक बातचीत नहीं की जा रही है। खान 19 सितंबर को दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब जाएंगे, इस दौरान भी कश्मीर मुद्दा हावी रह सकता है।
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