सुरेन्द्र दुबे
आखिर केंद्रीय ग्रह मंत्री के बड़बोलेपन ने पाकिस्तान को भारत के विरूद्ध चीन को खड़ा करने का एक सुनहरा अवसर मिल गया। आप को याद होगा कि अमित शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाते समय डींग मारी थी कि अब हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और चीन द्वारा जबरन हथियाए गए अक्साई चीन को वापस ले लेंगे।
विदेश नीति में डींग हाकने के बजाय कूटनीतिक चालबाजी और मौके पर कार्रवाई करने की नीति अपनाई जाती है पर हमने बगैर सोचे समझे बिला वजह चीन से पंगा ले लिया।
पाकिस्तान एक खस्ता हाल देश है। फिर भी उसने पूरी दुनिया में कश्मीर राग अलापा। अमेरिका से दोस्ती के बावजूद भारत ने पाक अधिकृत कश्मीर को वापस लेने की दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया। चीन से अक्साई चीन वापस लेने के लिए कोई कूटनीतिक पहल भी नहीं की गई। इसके लिए मोदी सरकार की कोई आलोचना भी ठीक नहीं है। यह सब इतना आसान होता तो पहले की सरकारों ने भी कोशिश कि होती। हमारी विदेश नीति सदैव संतुलन बना के चलने की रही है। पर इस दौर में हम अमेरिका की गोद में बैठ गए है।
कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका और चीन में ठनी हुई है। डोनाल्ड ट्रंप को दुबारा राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना है इसलिए कोविड़ से लड़ाई लड़ने में मिली असफलता का सारा ठीकरा ट्रंप चीन पर थोप देना चाहते है। हमने अमेरिका और चीन के झगड़े के बीच चल रहे झगड़े में कूटनीतिक होशियारी दिखाने के बजाय अमेरिका से ज्यादा निकटता दिखाने की भूल की।
चीन ने लद्दाख में 60 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। भारत को घेरने के लिए नेपाल ऐसे पिद्दी से देश को भारत के सामने खड़ा कर दिया है भारत का कुछ इलाका अपना बताने के साथ ही नेपाल पुलिस हमारी सीमा पर गोलीबारी की जुर्रत करने लगी है। जाहिर है कि यह सब चीन की शह पर ही हो रहा है।
पाकिस्तान तो एक इस्लामिक देश है इसलिए उसको दिन रात टीवी पर भला बुरा कहने से सत्ताधारी दल को राजनैतिक लाभ मिलता है। पर नेपाल तो हिन्दू राष्ट्र है जो सदियों से भारत के बहुत करीब रहा है। चीन लंबे अरसे से उसपर डोरे डाल रहा था। कांग्रेस ऐसी तथाकथित कमजोर सरकार ने भी नेपाल को चीन की गोद में बैठने नहीं दिया। चीन की तमन्ना मोदी सरकार में पूरी हो गई। ऐसी 56 इंच की छाती का क्या फायदा जिसे मोहल्ले का सीकिया पहलवान भी आंखें दिखाता हो। देश में करोड़ों भक्त हिन्दू राष्ट्र का सपना देख रहे है या यों कहें उन्हें ऐसा सपना दिखाया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : क्यों सुशांत क्यों? आखिर तुमने ऐसा क्यों किया?
हमारे एक तरफ पाकिस्तान है जो हमारा पक्का दुश्मन है और 70 साल से हमारी नाक में दम किए है। अब नेपाल भी हमारी सीमा पर एक समस्या बन गया है। चीन ने अक्साई चीन के बाद हमारे 60 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है जिसकी खबरे टीवी नहीं दिखा रहा है।
सरकार सिर्फ यह बता रही है की बात चीत चल रही है। बातचीत पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन को लेकर भी खूब चलीं। पर हुआ क्या? पाक और चीन दोनों का कब्ज़ा बना हुआ है। ये जरूर हुआ कि इस दौर में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को खूब खरी खोटी सुनाई गई। इस पूरी लड़ाई में फायदे में रहा पाकिस्तान जिसे अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर चीन ऐसे ताकतवर मुल्क का साथ मिल गया। चीन के कब्जे में 60 वर्ग किलोमीटर जमीन आ गई। नेपाल की सीमा का विस्तार हो गया भले ही कागज पर सही। हमें क्या मिला, यह चिंतन का विषय है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा।
यह भी पढ़ें : तो धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर ‘सेक्युलर’ बना है !
यह भी पढ़ें : कोरोना को लेकर फ्रंटफुट पर आए शाह, बुलाई बैठक
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)