जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तराखंड में यूसीसी बिल को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है और सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा में इस बिल का पेश कर दिया है। हालांकि हंगामे के बीच उत्तराखंड विधानसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी है। अगर ये बिल पास हो जाता है तो गोवा के बाद उत्तराखंड दूसरा राज्य बन जाएगा।
बता दे कि समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक का उद्देश्य नागरिक कानूनों में एकरूपता लाना है। यानी प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। यह कानून सामाजिक मामलों से जुड़ा हुआ है।
UCC बिल में क्या-क्या है?
- बिल में विवाह पर सभी धर्मों में एक समान व्यवस्था होगी.
- बहुविवाह पर रोक का प्रस्ताव रखा गया है.
- बहुविवाह को मंजूरी नहीं दी जाएगी.
- सभी धर्म के लोगों को शादी का पंजीकरण कराना होगा.
- लड़कियों के लिए शादी की उम्र 18 साल
- लड़कों के लिए शादी की उम्र 21 साल
- सभी धर्म के लोगों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार की वकालत की गई है.
- मुसलमानों में होने वाले इद्दत और हलाला पर रोक लगे.
- लिव-इन रिलेशनशिप रहने पर इसकी जानकारी अपने माता-पिता को देनी जरूरी होगी.
- सभी धर्मों में तलाक को लेकर एक समान कानून और व्यवस्था हो.
- पर्सनल लॉ के तहत तलाक देने पर रोक लगाई जाए.
- बेटी को विरासत में बराबरी का हक
बता दे कि समान नागरिक संहिता को लेकर पूरे देश में भूचाल मचा हुआ है. कुछ राज्य यूसीसी के पक्ष में है तो वहीं कुछ राज्यों में जमकर विरोध किया गया है। वहीं देश के तीन राज्य ऐसे है जिन्होने जमकर विरोध किया है, और साथ ही इसे लेकर चेतावनी भी दी है।