जुबिली न्यूज डेस्क
शायद ही कोई घर हो जहां सुबह या शाम दूृध न आता हो। किसी के यहां पैकेट का दूध आता है तो किसी के यहां दूध डेयरी से आता है।
दरअसल दूध हमारे खान-पान का अभिन्न अंग है। यह हमारे जीवन में क्यों इतना अहम है यह हम सभी जानते हैं। जाहिर है यह अपनी पौष्टिïकता की वजह से हमारे खान-पान में जगह बनाए हुए हैं।
अब आपसे एक सवाल-क्या आप दूध उबालने का सही तरीका जानते हैं। यदि नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बतायेंगे कि दूध कैसे उबाले कि उसकी पौष्टिïकता नष्ट न हो।
जब हम दूध उबालते हैं, तो इसके कुछ विटामिन ब्रेक हो जाते हैं और इससे फैट, प्रोटीन व कार्ब्स में से कुछ में बदलाव भी आ सकते हैं।
दूध से पोषण पाने के लिए लोग इसे उबालकर पीया जाता है लेकिन दूध खराब न हो जाए इस वजह से कई लोग दूध को कई बार उबाल देते हैं, जबकि ऐसा करना नहीं चाहिए।
हाल में हुए एक शोध से पता चला है की दूध को बार-बार उबालने से उसमे उपस्थित पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते है। यानि दूध में मौजूद जरूरी पोषक तत्व समाप्त हो जाते हैं।
दूध को क्यों उबालें?
गाय के दूध को हमेशा लगभग 203 ए स्न या फिर 95 ए ष्ट पर ही उबालना चाहिए। इसका मतलब यह है कि यदि आप कुछ ऐसा बना (पका या बेक ) रहे हैं, जिसमें दूध डालना है तो उसमें उबला हुआ दूध न डालें, क्योंकि व्यंजन को तैयार करने के दौरान दूध अपने आप ही उस तापमान पर पहुंच जाएगा। कुछ लोग बैक्टीरिया को मारने और खाद्य जनित बीमारियों को रोकने के लिए भी दूध उबालते हैं। हालांकि, यह अनावश्यक है।
हम सभी जानते हैं कि दूध एक बहुत ही पौष्टिक पेय पदार्थ है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, कार्ब्स और फैट का संतुलित मिश्रण होता है। इतना ही नहीं यह कई महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों की आपूर्ति भी करता है।
कच्चे और गर्म दूध में विटामिन और खनिज सामग्री में परिवर्तन की जांच में ये पाया गया कि नियमित पाश्चरराइजेशन तापमान में पोषक तत्वों की मात्रा में ज्यादा परिवर्तन नहीं होता है।
यह सही है कि दूध को उबाले लेकिन दूध में मौजूद इन पोषक तत्वों को समाप्त होने से बचाना है तो दूध को बार-बार न उबालें। साथ ही दूध को उबालते समय ध्यान रखें की दूध को 2 से 3 मिनट से ज्यादा देर तक न उबालें। जब दूध आंच पर उबल रहा हो तो उसे चम्मच से हिलाते रहें, जिससे उसमें उपस्थित पोषक तत्व बचे रह