जुबिली न्यूज डेस्क
यूपी के प्रयागराज में बुधवार को हुई दलित परिवार के चार सदस्यों की हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने 23 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया है।
मीडिया को जानकारी देते हुए प्रयागराज के एडीजी प्रेम प्रकाश ने कहा कि, “23 साल के अभियुक्त पवन सरोज की गिरफ्तारी हुई है। पवन सरोज मृतक पक्ष की जाति का है। ये लड़की को परेशान करता था। मोबाइल पर भेजे गए संदेशों और आकस्मिक सबूतों के आधार पर पवन सरोज की गिरफ्तारी की गयी है। हत्या में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी विवेचना जारी है। कॉल डिटेल्स, डीएनए प्रोफाइलिंग के आधार पर आगे की करवाई की जा रही है।”
प्रयागराज पुलिस के इस दावे के बाद अभी तक पीड़ित दलित परिवार की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
हालांकि मृतकों के परिजनों ने गांव के ही एक दबंग परिवार पर आरोप लगाया था कि कुछ समय से उन लोगों की रंजिश चली आ रही थी और सितम्बर में परिवार वालों के साथ मारपीट भी की गई थी।
परिजनों ने पुलिस की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था जिसके बाद एक सिपाही और एक पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया।
एफआईआर के आधार पर पुलिस ने 8 लोगों की गिरफ्तारी की थी जिसमें एक महिला भी शामिल है।
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नई गिरफ्तारी के बाद एडीजी प्रेम प्रकाश ने कहा कि, ” अभी तक जो नामजदगियां हुई थीं, उसमे इन लोगों का छोटा सा विवाद सिर्फ मृतक पक्ष के भाई से था। उसे लेकर अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है। इस पर अभी भी जांच चलेगी।”
एफ़आईआर में परिवार के रिश्तेदारों ने लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार का भी आरोप लगाया था।
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वहीं इस बारे में पुलिस का कहना है, “बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है। पोस्टमॉर्टम पैनल ने बताया है कि जिस्म पर घावों में काफी सीमेट्री है। इससे संकेत मिलता है एक व्यक्ति ने ही मारने और काटने का काम किया गया है।”
क्या है मामला?
यह वीभत्स वारदात प्रयागराज के फाफामऊ के मोहनगंज गोहरी गांव में बुधवार को हुई जिसमें घर में सो रहे 50 साल के एक व्यक्ति, उनकी 45 वर्षीया पत्नी, 25 साल की बेटी और 10 साल बेटे की कुल्हाड़ी मार कर हत्या कर दी गयी थी।
शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी परिवार से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि ‘ये घटना सरकारी सरंक्षण में दलितों के साथ हुआ नरसंहार है.’
वहीं रविवार को आम आदमी पार्टी ने प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन भी किए और मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट से करवाने और अभियुक्तों को फांसी की सजा देने की मांग की।