जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत में हवा की खराब स्थिति कोई नई बात नहीं है। देश के 122 शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए वहां की स्थिति के अनुरुप योजनायें तैयार की जा रही है। वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि शहरों में अलग- अलग कारणों से वायु प्रदूषण की समस्या है।
उद्योग, परिवहन, बायोमास जलाने तथा कई अन्य कारणों से प्रदूषण की समस्या है। दिल्ली में धूल के कारण प्रदूषण की समस्या है जबकि मुंबई या बेगलूरु में पथरीली जमीन के कारण वैसी समस्या नहीं है।
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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाये जाने के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या एक अक्टूबर से 30 नवम्बर तक रहती है। संयोग से इस अवधि के दौरान पंजाब और हरियाणा से हवा का बहाव भी दिल्ली की तरफ रहता है।
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इस बार हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 25 प्रतिशत की कमी हुयी लेकिन पंजाब में 25 प्रतिशत घटनायें बढ गयी। पंजाब में पराली जलाने की घटनायें 75000 हुयी। पराली जलाने से दिल्ली में दो से 40 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण की समस्या होती है।
उन्होंने कहा कि पराली से बायोगैस और एथनाल बनाने का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए 40 हजार मशीन राज्यों को दिये गये हैं लेकिन इसका पूरा उपयोग नहीं किया गया है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों में देश के 122 प्रदूषित शहरों की पहचान की है। जिनमें वायु गुणवत्ता, निर्धारित राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानक से कहीं ज्यादा है। इन शहरों की पहचान 2010 और 2015 के बीच वायु गुणवत्ता सम्बन्धी आंकड़ों और विश्व स्वस्थ्य संगठन की 2014 और 2018 रिपोर्ट के आधार पर की गई है। जहां वायु प्रदूषण का स्तर इंसान का दम घोट रहा है।
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