स्पेशल डेस्क
देश में जब से कोरोना वायरस का मामला सामने आया है तब से पूरा देश कोरोना से एकजुट होकर जंग लड़ रहा है। इस दौरान डॉक्टरों की लोग खूब तारीफ कर रहे हैं और उन्हें भगवान का दर्जा भी दे रहे हैं लेकिन कभी-कभी यही डॉक्टर अपने फर्ज से मुंह भी मोड लेते हैं और नतीज यह रहता है कि मरीज की मौत तक हो जाती है।कुछ इसी तरह का मामला ग्रेटर नोएडा में देखने को मिला जब एक पिता अपने बच्चे को बचाने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटता रहा और कोई मदद नहीं मिली। इस वजह से पिता की आंखों के सामने उसके बच्चे ने दम तोड़ दिया।
दरअसल नवजात बच्चे का जन्म कृष्णा अस्पताल में हुआ था लेकिन इसके बाद उसकी हालत खराब हो गई। इस वजह से कृष्णा अस्पताल उसका इलाज करने से मना कर दिया। वहां के डॉक्टरों का कहना था कि ग्रीन सिटी अस्पताल में उपचार कराना था लेकिन पैसे के अभाव में ऐसा संभव नहीं था।
इसके बाद पिता बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल गया लेकिन वहां वहां बच्चों के डॉक्टर नहीं थे और जो थे वह सो रहे थे। आलम तो यह रहा कि पिता को एंबुलेंस भी नहीं मिली। इसके बाद मजदूर पिता ने नवजात को कलेजे से लगाकर बाइक पर 30-35 किलोमीटर तक अस्पतालों के चक्कर काटता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की और अंत में बच्चे ने दम तोड़ दिया।
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इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठ रहा है लेकिन अधिकारी इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं। जानकारी के मुताबिक रात दस बजे ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-36 में राजकुमार की पत्नी ने एक निजी अस्पातल में बच्चे को जन्म दिया था लेकिन उसकी हालत खराब होने के बाद वेंटिलेटर की सुविधा न होने की बात कहकर उसे वहां से डिस्चार्ज कर दिया गया।
इसके बाद नवजात के पिता के पास पैसा न होने की वजह से उसे सरकारी अस्पताल में इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ा। इसके बाद 11 बजे रात में एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन ढाई घंटे देरी के बाद डेढ़ बजे एंबुलेंस पहुंची और जब नवजात को सरकार अस्पताल में लाया गया तो वहां पर बच्चों के डॉक्टर नहीं थे और कुछ डॉक्टर थे लेकिन वो आराम फरमा रहे थे। यही हाल दूसरे अस्तपालो का भी रहा।
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दादरी अस्पताल ने बच्चे इलाज न कर पाने की बात कही. अस्पताल ने कहा ये बच्चों का हॉस्पिटल नहीं है, यहां सुविधाएं नहीं है इसलिए आप नोएडा के निठारी स्तिथ बच्चों के अस्पताल में जाइये, इसके बाद परिजन बच्चे को नोएडा के निठारी में स्तिथ सरकारी हॉस्पिटल में ले गए जहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया, पूरी रात एक बेबस पिता अपने बच्चे को लेकर घुमता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की और इस वजह से नवजात ने दम तोड़ दिया।
इतना सबकुछ होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोई एक्शन नहीं लिया है। हालांकि पुलिस टीम पीडि़त पिता के घर पहुंची और बयान दर्ज किए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर किसी के पास कोई जवाब किसी के पास नहीं था।
उधर इस पूरे मामले पर गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ ने कहा है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है जो भी इसका जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ विभाग संख्त कार्रवाई करेंगा।।