जुबिली न्यूज डेस्क
सोशल मीडिया से लेकर टीवी अखबारों में हर जगह सिर्फ एक चर्चा है कि चांद को लेकर इतनी ज्यादा चर्चा क्यों और एक आम इंसान समझ नहीं पा रहा कि चांद पर जो हम जा रहे हैं क्या सिर्फ माहौल बनाने के लिए जा रहे है, कि चांद पर जाएंगे तो दुनिया में नाम होगा अगर यही इतना लोजिक है तो साड़े छ: सौ करोड़ रूपए केवल 16 दिन के लिए केयों लगाया जा रहा है. नाम हो जाएगा धमक हो जाएगी सिर्फ नाम और धमक के लिए भारत क्यो जाएगा.
वहीं दूसरे दोशों की बात करें तो रशिया 3 हजार करोड़, अमेरिका इससे भी ज्यादा, चीन जैसा देश वो भी लगा हुआ है. दुनिया में और भी ऐसे देश हैं वो भी लगे पड़े है. सवाल ये है कि इसके पीछे की वजह क्या है. क्या ये सवाल आपके दिमांग में आया अगर हां तो आइए हम आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह…
चांद को लेकर मुख्य वजह
पहला वजह ये है कि टेक्नोलॉजी के मामले में बहुत आगे हो जाएंगे. आपके रोकेट से लेकर टेक्नोलॉजी तक की दुनिया में धाक बढ़ेंगी. ये तो आंतरिक्ष की संभावना है, लेकिन आपकी क्या संभावना है आम जीवन के लिए…
1- पानी, अगर चांद पर पानी मिल जाता है तो पानी को आक्सीजन और हाइड्रोजन में कनवट करके उससे क्नालिटी राकेट फ्यूल निकाल सकते हैं. इससे इंसानों के लिए खुशी की बात है. क्यों की राकेट फ्यूल बहुत जरूरी है ताकि आप चांद से फ्यूल भेज सके जिससे आपका विमान कभी बंद ना हो.
2- दूसरा ये है कि चांद एक विरान जगह है. जहां पर कितने सारे धातु छुपे हैं जिसका अंदाजा हमें आपको नहीं हैं कहते है कि ये हवा में तीर मारने जैसा है अगर निशाना सही लगा तो बल्ले-बल्ले है और यही सोच कर इंसान धरती से बनाता है. हो सकता है कि यूरेनियम, टाइटेनियम, पलेटेनियम या फिर सोना जो चांद पर बड़ी संख्या में मिल जाएं कि आपकी ऐश हो जाए, जो घातु आपको धरती पर नहीं मिल रहे हैं वो चांद पर खुले तौर पर मिल जाएं, ऐसा हो भी सकता है ऐसा नहीं भी हो सकता है. लेकिन अगर 0.01 भी गुंजाइस है तो चांद से बहुत ज्यादा. इसू वजह से जो दक्षिणी ध्रुव पर हम जा रहे हैं वहां पर ऐसी कोशिश की जा रही है. जो बाकि जगहों पर हम जा रहे हैं वहां पर भी यही कोशिश की जा रही है.ये माना जा रहा है कि कई ऐसे धातु हैं जो इलेक्ट्रॉनिक्स मेनुफैक्चरिंग में काम आ सकते हैं.
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3- तीसरा जो बहुत महत्वपूर्ण है वो ये है कि आंतरिक्ष में जो हमारा चांद है वो स्पेस स्टेशन हो सकता है. इसका मतलब ये हुआ कि अगर आप एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं तो ये एक बीच का जगह हो जाएगा जहां आप रूक सकते है. ऐसा हो गया तो यूनिवर्स एक्सप्लोर करने में बड़ी आसानी होगी. जो चांद पर जल्दी जगह बनाए उसका अन्य के तुलना में कोई भी काम करना बेहद आसान हो जाएगा. अगर आप अन्य देशों से पहले कर लेते है तो दूसरे देश आपसे जानना चाहेंगे टायप करना चाहेंगे जिससे आपका पैसा भी वसूल हो जाएगा. ये खोज के साथ-साथ बड़ी इंवेसमेंट भी है. आपका नाम हो रहा है, भविष्य की आप नीव रख रहे हैं. धीरे-धीरे आपकी इंटरनेशल धाक भी बड़ रही हो जो कि बहुत महत्वपूर्ण है.
वैज्ञानिकों के हिसाब से चांद पर इंसानों के लिए बहुत कुछ हो सकता है, और इसी होड़ में हर देश अपना मिशन moon जल्दी जल्दी लॉन्च कर रहा है.ताकि वो दूसरे देशों को बता सकें कि चांद पर कितनी संभावनाएं मौजूद है.धरती के बाद सबसे ज्यादा रिसर्च चांद पर ही की गई है.