जुबिली स्पेशल डेस्क
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव अब खत्म हो गए है और अब असली नतीजों का लोगों को बेसर्बी से इंतेजार है। कल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल्स के आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस में एकाएक हलचल पैदा हो गई है।
एग्जिट पोल में देखने को मिल रहा है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसे में दोनों दल अपना-अपना दावा जीत का कर रहे हैं। अगर एग्जिट पोल एकदम सटीक बैठते हैं तो राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों निर्दलीय,बागियों और क्षेत्रीय दलों पर पूरी तरह से निर्भर हो जायेगे।एग्जिट पोल्स के आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस की बेचैनी भी साफ देखी जा सकती है।
इस बीच कांग्रेस नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि तेलंगाना के सीएम केसीआर ने उनके कैंडिडेट्स से संपर्क साधा है।
डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे विधायक हमारे साथ खड़े रहेंगे. उन्होंने हमें पहले ही बता दिया है कि किसने उनसे संपर्क करने की कोशिश की। यह मेरी पार्टी का काम है इसलिए मैं वहां जा रहा हूं। कर्नाटक चुनाव के दौरान तेलंगाना की पूरी टीम हमारे साथ थी। इसलिए मैं भी जा रहा हूं।
हम देखेंगे कि नतीजों के बाद क्या होगा। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, कि “कोई समस्या नहीं है, कोई खतरा नहीं है। हमें विश्वास है। हमारी पार्टी आराम से जीतेगी।
हम जानते हैं कि वे हमें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे उम्मीदवारों ने हमें सूचित किया है कि वे खुद सीएम (केसीआर) ने संपर्क किया है, इसलिए हमारे पास जानकारी है। ”
तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुआ
यहां बहुमत के लिए 60 सीटों की जरूरत है
- इंडिया टीवी-सीएनएक्स
- कांग्रेस को 63-79 सीटें
- बीआरएस को 31-47 सीटें
- बीजेपी को 2-4 सीटें
- न्यूज-24-टूडे चाणक्य
- कांग्रेस को 62-80 सीटें
- बीआरएस को 24-42 सीटें
- बीजेपी को 2-12 सीटें
- रिपब्लिक टीवी-मैटराइज
- कांग्रेस को 58-68 सीटें
- बीआरएस को 46-56 सीटें
- टाइम्स नाऊ-ईटीजी
- कांग्रेस को 60-70 सीटें
- बीआरएस को 37-45 सीटें
इससे पहले एग्जिट पोल्स के आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस की बेचैनी भी साफ देखी जा सकती है। ऐसे में अब रिजॉर्ट पॉलिटिक्स का खेल भी शुरू हो गया है। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने रिजॉर्ट पॉलिटिक्स पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर पार्टी हाईकमान आदेश देता है तो वह पांचों राज्यों के विधायकों को संभालने के लिए तैयार है।