जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद कई राज्यों में हलचल मच गई है। कई राज्यों में बर्ड फ्लू ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। ऐसे में अंडे और चिकन की मांग में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। नॉनवेज परोसने वाले रेस्टोरेंट्स तो जैसे खाली ही हाे गए हैं। ग्राहकों की संख्या में काफी कमी आई है।
राष्ट्रीय राजधानी की बात करें तो तमाम रेस्टोरेंट के मेन्यू से चिकन गायब हो गया है। इसकी जगह मटन व अन्य आइटम जोर पकड़ रहा है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि हर साल ठंड के मौसम में बर्ड फ्लू को लेकर हड़कंप मचता है लेकिन इस बार बाजार पर जो असर पड़ा है वो इससे पहले कभी नहीं हुआ।
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बर्ड फ्लू के डर से रेस्टोरेंट और भोजनालयों ने पिछले साल भी चिकन और अंडे के ऑर्डर निरस्त किये गये थे, मांग में भी भारी गिरावट दर्ज हुई थी। हजारों पक्षियों को मारना पड़ा था, जिससे पोल्ट्री कारोबारी गहरे संकट में फंस गये। इस दहशत की वजह से मटन के दाम एक ही दिन में 40 से 50 रुपये तक बढ़ गए, वहीं चिकन के दाम एकदम से गिर गए हैं।
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दिल्ली के मांस व्यापारी संघ के महासचिव इरशाद कुरैशी की माने तो उनका कहना है कि हम इस बात को समझते हैं कि ग्राहक घबरा जाते हैं और सावधानी के तौर पर मुर्गों की खरीदारी बंद कर देते हैं, लेकिन ये जानना महत्वपूर्ण है कि यदि मांस को अच्छे से पकाया जाए, तो स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं होता। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू के खतरे का कारोबार पर ऐसे समय में असर पड़ रहा है, जब कारोबारी पहले की कोविड-19 के प्रभाव से जूझ रहा है।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने बर्ड फ्लू की दहशत के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक और शहर के सबसे बड़े पोल्ट्री बाजार गाजीपुर कुक्कुट बाजार के अगले 10 दिन तक बंद रहने की शनिवार को ही घोषणा कर दी थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि दिल्ली में जीवित पक्षियों का आयात पूरी तरह प्रतिबंधित किया जा रहा है। गाजीपुर कुक्कुट बाजार अगले 10 दिन तक बंद रहेगा। अब देखना ये होगा कि कोरोना की मार के बाद बर्ड फ्लू कितना पोल्ट्री कारोबार को प्रभावित करता है और कारोबारियों को इससे कब तक निजात मिलती है।
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क्या है बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। यह इन्फ्लूएंजा टाइप ए वायरस की मदद से फैलता है जो आमतौर पर चिकन, कबूतर और इस तरह के पक्षियों में पाया जाता है। इस वायरस के बहुत से स्ट्रेन हैं। इसमें से कुछ माइल्ड होते हैं जबकि कुछ बहुत अधिक संक्रामक होते हैं और उससे बहुत बड़े पैमाने पर पक्षियों के मरने का खतरा पैदा हो जाता है। बर्ड फ्लू को एवियन इंफ्लूएंजा भी कहते हैं।
यह बहुत संक्रामक और कोरोना की तुलना में ज्यादा घातक है। एनफ्लूएंजा के 11 वायरस हैं जो इंसानों को संक्रमित करते हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ पांच ऐसे हैं जो इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। ये हैं- H5N1, H7N3, H7N7, H7N9 और H9N2।
कैसे इंसानों तक पहुंचता है फ्लू
बर्ड फ्लू पक्षियों के जरिए ही इंसानों में फैलता है। इन वायरस को एचपीएआई कहा जाता है। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक H5N1 बर्ड फ्लू वायरस है। बर्ड फ्लू अब तक दुनिया में चार बार बड़े पैमाने पर फैल चुका है। अब तक 60 से ज्यादा देशों में बर्ड फ्लू महामारी का रूप भी ले चुका है।
H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के साथ एक सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इसका वायरस हवा से फैलता है। इसके साथ ही वायरस तेजी से म्यूटेशन भी करता है। इंसानों से इंसानों में बर्ड फ्लू संक्रमण के मामले कम देखे गए हैं, पक्षियों और जानवरों के जरिए इंसानों में इसका संक्रमण जरूर फैला रहा है।
चीन के गुआंगडोंग में इंसानों को H5N1 बर्ड फ्लू वायरस ने पहली बार 1997 में संक्रमित किया था। अब तक H5N1 बर्ड फ्लू वायरस का यही म्यूटेशन वाला वायरस संक्रमण फैला रहा है।
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