जुबिली न्यूज डेस्क
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को तीन पैनल का गठन किया। इसमें पार्टी के उच्च नेताओं को शामिल किया गया है।
ऐसा बताया गया है कि यह कदम आर्थिक, विदेश और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मामलों पर पार्टी की स्थिति स्पष्ट रखने के लिए उठाया गया है। इन तीनों समितियों में एक-दो लोगों को छोड़ दिया जाए, तो ज्यादातर पुराने नेता ही शामिल हैं। इन तीनों समितियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हैं।
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये समितियां विदेश, राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मामलों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष को सूचित करेंगी।
किन नेताओं पर जताया भरोसा
आर्थिक मामलों की जो समिति बनी है उसमें मनमोहन सिंह के अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। इस समिति के संयोजक जयराम रमेश होंगे।
वहीं विदेश मामलों की समिति में मनमोहन सिंह के अलावा आनंद शर्मा, शशि थरूर और सप्तगिरी उलका शामिल हैं। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद इस समिति में संयोजक बनाए गए हैं।
तीसरी राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी समिति है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, वीरप्पा मोइली और वैथिलिंगम शामिल हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री विंसेट पाला इस समिति के संयोजक होंगे।
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पार्टी में मची उथल-पुथल के बीच सोनिया गांधी ने इन तीनों समितियों सभी पुराने नेताओं को शामिल कर एक तीर से कई निशाना साधा है। समिति में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, वीरप्पा मोइली और शशि थरूर को शामिल कर सोनिया ने संकेत दिया है कि वह उनके खिलाफ कोई भावना नहीं रखतीं।
इसके अलावा इन समतियों के गठन से यह भी संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी के पुराने और अनुभवी नेताओं पर उनका भरोसा बरकरार है।
मालूम हो कि आजाद, आनंद शर्मा,मोइली और थरूर उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पार्टी में बदलाव को लेकर अगस्त में सोनिया को लेटर लिखा था।
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अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सोनिया गांधी के इस कदम से लेटर लिखने वाले नेता उत्साहित नहीं हैं। समिति में शामिल किए गए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जो मुद्दे उन्होंने उठाए थे, उन पर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है।
वहीं एक अन्य नेता ने कहा, ”संगठनात्मक मामलों पर ध्यान देने के बजाए, हमें नीतिगत मुद्दों को देखने के लिए कहा जाता है…कांग्रेस अध्यक्ष को इनपुट देने के लिए पार्टी के पास पहले से ही फोरम और इन-हाउस एक्सपर्टाइज है।”