जुबिली न्यूज डेस्क
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में पुरुष और स्त्री के स्वभाव का वर्णन किया है। उन्होंने अपने ग्रंथ में स्त्री व पुरुष में पाई जाने वाली बुराइयां भी बताई हैं।
चाणक्य कहते हैं कि कुछ बातें ऐसी होती हैं जो अधिकांश स्त्रियों के स्वभाव में होती हैं। स्त्रियों के स्वभाव को लेकर एक कहावत आज भी प्रचलित है कि खुद भगवान भी आज तक ये नहीं जान पाए कि किसी स्त्री के मन में क्या चल रहा है।
तो चलिए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ में स्त्रियों के बारे में क्या कहा है।
अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता।
अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषा: स्वभावजा:।।
इस श्लोक के जरिए चाणक्य ने स्त्रियों के बारे में 5 बुराइयों का वर्णन किया है। चाणक्य कहते हैं कि बहुत सारी महिलाएं बात-बात पर नखरे करती हैं। चाणक्य ने नीति शास्त्र में कहा है कि यह स्त्रियों के स्वभाव में होता है कि वो बिना सोचे-समझे अचानक ही कुछ भी काम कर बैठती हैं। ऐसा करना उनके लिए आम बात होती है।
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चाणक्य कहते हैं कि ज्यादातर महिलाएं बात-बात पर झूठ बोलती हैं, जिसके कारण वह मुश्किलों में फंस जाती हैं।
नीति शास्त्र में महिलाओं के स्वभाव के बारे में आचार्य चाणक्य आगे लिखते हैं कुछ स्त्रियां आत्मविश्वास के कारण मूखर्तापूर्ण कार्य कर देती हैं, जिसके कारण वह मुश्किल में फंस जाती हैं।
चाणक्य कहते हैं कि आमतौर पर देखा गया है कि स्त्रियों को गहने व धन अति प्रिय होते हैं।