जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। लखनऊ- बलरामपुर के सोहलवा वन्यजीव प्रभाग में 2017 में करोड़ रुपये की खेर की लकड़ी के अवैध कटान के मामले में लोकायुक्त ने उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ पूर्व आईएएस एवं एक पूर्व आईएफएस सहित चार वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
पूर्व आईएएस संजीव सरन तत्कालीन प्रमुख सचिव वन के पद पर तैनात थे जबकि पूर्व आईएफएस डा. रूपक डे उस समय प्रमुख वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष के पद पर तैनात थे। दोनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
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साथ ही एक अन्य आईएफएस अधिकारी कुरुविला थॉमस जो वर्तमान में मुख्य वन संरक्षक हैं और पीएफएस अधिकारी जो अभी प्रभागीय वनाधिकारी हैं, के विरुद्ध भी सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है।
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बताते चलें कि लोकायुक्त ने प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों की जांच से जुड़ी करीब 535 पृष्ठ की दो खण्ड की रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा और विधान परिषद में पटल पर रखी गई।
जांच रिपोर्ट में लोकायुक्त ने लिखा है कि व्यापक स्तर पर वन क्षेत्र से वृक्षों के अवैध कटान के आरोपी लोकसेवकों संजीव सरन, तत्कालीन प्रमुख सचिव, वन, डा. रूपक डे तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक, कुरुविला थामस, मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव पूर्वी गोण्डा तथा करन सिंह गौतम तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी, सोहलवा वन्यजीव प्रभाग, बलरामपुर व वन विभाग के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता गंभीर मामला है।
लोकायुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी आरोपियों से उनके ऊपर लगे आरोपों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसमें सभी ने अपने को निर्दोष साबित करने की कोशिश की है. साथ ही तकनीकी कारणों को आधार बताकर बरामद खैर की अवैध लकड़ियों का मूल्य काफी कम बताया है। साथ ही अवध कटान रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी है।
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