जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी और अफवाह, OTT पर गंदी भाषा और गालीगलौज इन दिनों खुलकर देखने को मिल रहा है। वहीं कई न्यूज वेबसाइट बिना ठोस तथ्यों के खबरें चला देती हैं जिससे देश का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है।
इस सभी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं जिसको लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी गई। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई गाइडलाइन जारी की।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल हो रहा है। हिंसा के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है। आंतकी भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और अफवाहों की भरमार है और इसे रोकना बहुत जरूरी है।
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रविशंकर ने कहा कि भारत में व्यापार के लिए सोशल मीडिया का स्वागत लेकिन इसका दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारत में कारोबार के लिए यहां के कानून को मानना होगा।
प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल नफरत फैलाने के लिए हो रहा है। प्रसाद ने कहा कि भारत में व्हाट्सएप के 53 करोड़, फेसबुक के यूजर 40 करोड़ से अधिक, ट्विटर पर एक करोड़ से अधिक यूजर हैं। भारत में इनका उपयोग काफी होता है लेकिन पिछले कुछ समय से इनका दुरुपयोग हो रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाले कंटेंट को लेकर गाइडलाइन्स बनाने के लिए कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद ही नई गाइडलाइंस बनाई गई हैं जो 3 महीने में लागू कर दी जाएंगी।
न्यूज वेबसाइट पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार को पता ही नहीं है कि देश में डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म कितने हैं, ऐसे में सरकार किससे बात करेगी इसलिए ही सरकार प्लेटफॉर्म की बेसिक जानकारी मांग रही है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियमों का पालन करना होता है लेकिन OTT और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नियम नहीं हैं, हमने ओटीटी प्लेटफॉर्म को सेल्फ रेगुलेशन की बात कही थी, लेकिन वो नहीं हो पाया था इसलिए नए नियम लाए गए हैं।
सोशल मीडिया को लेकर नई गाइडलाइंस
- सोशल मीडिया ‘इंटरमीडियरीज’ को शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो 24 घंटे में शिकायत दर्ज करेंगे।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यूजर्स का वेरिफेकशन करना होगा, अभी सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर रही बल्कि प्लेटफॉर्म्स खुद ही इसे अपने स्तर पर करे।
- प्लेटफॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी।
- हर महीने कितनी शिकायतों पर एक्शन हुआ, इसकी जानकारी भारत सरकार को देनी होगी।
- महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी या कटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा। महिलाओं की नग्न, उनकी बदली गई तस्वीरों को 24 घंटे में हटाना होगा।
- अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, उसकी जानकारी देनी जरूरी होगा। भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी संबंध, रेप जैसे अहम मसलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अदालत या सरकार द्वारा कहने पर शररातपूर्ण सामग्री या सूचना तैयार करने वाले पहले व्यक्ति का खुलासा करना होगा।
OTT प्लेटफॉर्म के लिए गाइडलाइंस
- दर्शकों की उम्र के हिसाब से कंटेंट दिखाना होगा।
- ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं।
- सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा, इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति हेड करेंगे।
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी।
- सेंसर बोर्ड का ऐथिक्स कोड कॉमन रहेगा, डिजिटल मीडिया पोर्टल को अफवाह या झूठ फैलाने का अधिकार नहीं है।
- ओटीटी और वेबसाइट को अपना डिसक्लोसर देना होगा, रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं कर रहे, लेकिन उनकी जानकारी मांग रहे हैं, शिकायत दूर करने एक जैसा मैकेनिज्म होना चाहिए।
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